नई दिल्ली। भारत के नाम एक और सफलता जुड़ गई है। एमओएमयानी भारतीय मंगल मिशन पर गए मंगलयान ने तीन साल होने पर एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। मंगलयान द्वारा ली गई मंगल ग्रह की एक तस्वीर को प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका नेशनल ज्योग्राफिक मैगजीन ने कवर फोटो बनाया है। एमओएम ने यह तस्वीर साधारण कैमरे से ली और इसमें मंगल ग्रह की तकरीबन पूरी तस्वीर एक साथ दिख रही है। इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए एक विशेषज्ञा ने कहा, मंगल ग्रह की हाई रिजोल्यूशन की इतनी बड़ी तस्वीर बहुत कम ही उपलब्ध है। भले ही दुनिया के तमाम देशों ने लाल ग्रह को लेकर पिछले कई सालों में 50 से ज्यादा मिशन किये हों लेकिन एमओएम द्वारा खीचीं गई यह तस्वीर बहुत उम्दा है। मंगलयान की सफलता के साथ ही भारत पहली ही कोशिश में मंगल पर जाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। यूरोपीय, अमेरिकी और रूसी यान लाल ग्रह की कक्षा में या जमीन पर पहुंचे हैं, लेकिन कई प्रयासों के बाद। भारत का एमओएम बेहद कम लागत वाला अंतरग्रही मिशन है। नासा का मंगल यान मावेन 22 सितंबर को मंगल की कक्षा में प्रविष्ट हुआ था। भारत के एमओएम की कुल लागत मावेन की लागत का मात्र दसवां हिस्सा है। कुल 1,350 किग्रा वजन वाले अंतरिक्ष यान में पांच उपकरण लगे हैं। इन उपकरणों में एक सेंसर, एक कलर कैमरा और एक थर्मल इमैजिंग स्पेक्ट्रोमीटर शामिल है। यह उपग्रह, जिसका आकार लगभग एक नैनो कार जितना है, तथा संपूर्ण मार्स ऑरबिटर मिशन की लागत कुल 450 करोड़ रुपये या छह करोड़ 70 लाख अमेरिकी डॉलर रही है, जो एक रिकॉर्ड है। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइज़ेशन या इसरो) ने 15 महीने के रिकॉर्ड समय में तैयार किया, और यह 300 दिन में 67 करोड़ किलोमीटर की यात्रा कर अपनी मंज़िल मंगल ग्रह तक पहुंचा। यह निश्चित रूप से दुनियाभर में अब तक हुए किसी भी अंतर-ग्रही मिशन से कहीं सस्ता है।

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