जयपुर। राजस्थान के जैसलमेर में हिस्ट्रीशीटर चतर सिंह के एनकाउंटर मामले में सीआईडी सीबी ने जांच पूरी कर ली है। जांच में सीआईडी सीबी ने उस पुलिस टीम को पूरी तरह से क्लीनचिट दे दी है, जिस पर चतर सिंह के एनकाउंटर करने के आरोप लगे थे। सीआईडी सीबी ने पुलिस कार्रवाई को सही ठहराया है, साथ ही चतर सिंह के परिजनों के आरोपों को
सिरे से खारिज कर दिया है। मीडिया में सीआईडी सीबी की इस रिपोर्ट के बाद राजपूत समाज में उबाल की संभावना है। वे फिर से सड़क पर आ सकते हैं। राजपूत समाज व परिजनों ने यह कहकर प्राथमिकी दर्ज करवाई थी कि पुलिस ने चतर सिंह की हत्या की और फिर उसे एनकाउंटर का रुप दे दिया।इस मामले की जांच के लिए जैसलमेर-बाड़मेर समेत पश्चिमी राजस्थान में राजपूत समाज ने आंदोलन किया।
कई दिनों तक धरने-प्रदर्शन भी हुए। राजपूत समाज की मांग और आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा, लेकिन सीबीआई ने इस मामले की जांच से इनकार कर दिया। हालांकि मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी सीबी मामले की पडताल करती रही। अब अपनी रिपोर्ट में चतर सिंह के
परिजनों की रिपोर्ट को सही नहीं माना। जांच में सीआईडी सीबी ने माना है कि पुलिसकर्मी भोलाराम की रिपोर्ट सही है। कोई फर्जी
एनकाउंटर नहीं था। हिस्ट्रीशीटर चतर सिंह के एक कार में जैसलमेर के रामगढ़ थाने की तरफ आने की सूचना पर भोलाराम व पांच-छह पुलिसकर्मी ने नाकेबंदी की।
कार में चतर सिंह को देख भोलाराम व अन्य ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो भोलाराम को कार में खींच लिया और वे उसे ले जाने लगे। इस पर साथी पुलिकर्मियों ने गाड़ी पर पत्थर फैंके और उसे रोकने के लिए टायर पर गोली चलाई, लेकिन गोली टायर से ऊपर निकलते हुए चतर सिंह
के लग गई। जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। चतर सिंह के परिजनों व राजपूत समाज ने इसे हत्या बताते हुए आंदोलन शुरु कर दिया। बड़े पैमाने पर आंदोलन चला, जिसके बाद पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई।