-एटा सिंगरासर क्षेत्र के किसानों की मांग
श्रीगंगानगर। एटा सिंगरासर क्षेत्र के किसानों की मांग पर राज्य सरकार ने एक समिति का गठन करने का निर्णय लिया है जिसमें जल संसाधन, ऊर्जा और कृषि विभाग के मंत्री रहेंगे। यह समिति काश्तकारों की ट्यूबवलों के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के विशेष पैकेज की मांग का परीक्षण कर राज्य सरकार को अनुशंषा करेगी।
उल्लेखनीय है कि एटा सिंगरासर क्षेत्र के ग्रामीण पिछले कुछ समय से सिंगरासर माइनर के निर्माण के माध्यम से इंदिरा गांधी नहर से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हंै। जल संसाधन विभाग ने इसके परीक्षण के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसने अपनी रिपोर्ट जल संसाधन विभाग को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान परिस्थितियों में एटा सिंगरासर माइनर के निर्माण एवं इसके माध्यम से इस क्षेत्र के लोगों को इंदिरा गांधी नहर का पानी सिंचाई हेतु उपलब्ध कराया जा सकना संभव नहीं है।
इस क्षेत्र के ग्रामीणों द्वारा यह भी बात कही जा रही कि यह क्षेत्र इंदिरा गांधी नहर के पास स्थित होने के कारण यहां भूजल स्तर बहुत नीचा नहीं है तथा ट्यूबवेल के माध्यम से भी क्षेत्र के अधिकतर गांवों में सिंचाई की व्यवस्था की जा सकती है। ग्रामीणों द्वारा ये बात भी बार-बार पुरजोर उठाई जा रही है कि सूरतगढ़ ताप विद्युत गृह के नजदीक होने से वहां हो रहे प्रदूषण का भी खामियाजा इन ग्रामीणों को लम्बे समय से भुगतना पड़ रहा है। इस क्षेत्र के काश्तकारों के प्रतिनिधियों द्वारा हाल ही में जल संसाधन एवं ऊर्जा विभाग के मंत्रीगणों से मिलकर यह मांग की गई है कि राज्य सरकार इस क्षेत्र के किसानों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए ट्यूबवेल के विद्युतिकरण के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा पर विचार करे ताकि लम्बे समय से प्रतीक्षा कर रहे इन किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके। राज्य सरकार ने इनकी मांग पर राज्य स्तरीय समिति के गठन का निर्णय लिया है।