जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एवं कन्वेंशन सेंटर में चल रहे ग्राम 2016 में उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित जाजम चैपाल में किसानों से रूबरू हुई। उन्होंने किसानों से कहा कि वे प्रतिस्पर्धात्मक खेती की ओर बढ़ें। साथ ही ऐसी फसलों का उत्पादन करें जो कम पानी में तैयार हों और जिन्हें जंगली सुअर, नील गाय आदि जानवर नुकसान नहीं पहुंचाते हों। मुख्यमंत्री ने किसानों के सुझाव सुनकर उन्हें उन्नत खेती के लिए भी प्रेरित किया। चैपाल में जब कृषि विषेषज्ञों ने बताया कि फ सलों में परागण मधुमक्खियों द्वारा होता है, लेकिन पिछले दो दशकों में कीटनाशकों के अत्यधिक एवं असमय प्रयोग के कारण प्राकृतिक मधुमक्खियों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आई है। इस पर राजे ने कहा कि मधुमक्खियां किसानों की हितैषी हैं। किसानों को प्राकृतिक मधुमक्खियों की सुरक्षा करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मधुमक्खियों से प्राप्त रॉयल जैली बहुमूल्य होती है। इसी दौरान धौलपुर के नवयुवक खुशीराम ने बताया कि इस रॉयल जैली की कीमत बाजार में करीब दो लाख रूपये प्रति किलो तक है।
मुख्यमंत्री ने जुकिनी (चप्पन कद्दू) के उत्पादन पर भी जोर दिया। जुकिनी में आयोडीन की पर्याप्त मात्रा होने के साथ ही यह स्वास्थ्यवद्र्धक होता है।
जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने कहा कि कृषि अधिकारी एवं कृषि विशेषज्ञ किसानों को उनकी भाषा में ही खेती के संबंध में हो रहे नवाचारों की जानकारी दें ताकि वे इन्हें आसानी से अपना सकें। इस अवसर पर राजस्व राज्यमंत्री अमराराम चैधरी, कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के वाइस चान्सलर डॉ. बलराज सिंह तथा काजरी एवं कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।

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