जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि देश में वर्तमान में व्याप्त आर्थिक मंदी के इस दौर में हमें सोचना चाहिए कि सरकार लीक से हटकर क्या कर सकती है और उद्योगों को कैसे सहारा दिया जा सकता है। उन्होंने कपड़ा उद्योग, स्टील एवं ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी को देखते हुए इन क्षेत्रों को तुरंत राहत देने की जरूरत पर बल दिया और कहा कि इन क्षेत्रों में पहले से स्थापित इकाईयों को प्रोत्साहन पैकेज दिया जाए ताकि वे आगे बढ़ सकें और लोगों के रोजगार पर खतरा पैदा नहीं हो।
गहलोत मुख्यमंत्री कार्यालय में उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अति पिछड़े क्षेत्रों एवं उन जिलों में जहां उद्योग नहीं के बराबर हैं वहां उद्यमियों को निवेश प्रोत्साहन एवं रोजगार प्रोत्साहन के तहत विशेष छूट दी जाए ताकि इन क्षेत्रों में उद्योग पनप सकें।
मुख्यमंत्री ने औद्योगिक दृष्टि से पिछडे़ जिलों में उद्योगों को बढ़ावा देने एवं युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन जिलों में निवेश की संभावनाएं टटोली जाएं और कोई उद्यमी यहां अपना उद्यम स्थापित करना चाहे तो उसे राज्य सरकार की ओर से विशेष छूट देकर प्रोत्साहित किया जाए।
श्री गहलोत ने ‘राजस्थान माइक्रो, स्मॉल एण्ड मीडियम एंटरप्राइजेज (फेसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एण्ड ऑपरेशन) एक्ट‘ का लाभ एमएसएमई उद्यमियों तक सही ढ़ंग से पहुंचाने के लिए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिला उद्योग केन्द्रों को निर्देश दिए जाएं कि वे उद्यमियों को ऋण दिलवाने एवं तकनीकी सहायता सहित सभी तरह की मदद उपलब्ध करायें। उन्होंने रीको एवं राजस्थान वित्त निगम को उद्यमियों को नये ऋण देने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एकल विंडो सिस्टम को सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाया जाए ताकि उद्योग स्थापना के लिए आने वाले निवेशकों को सभी जरूरी स्वीकृतियां त्वरित गति से दी जा सकें। श्री गहलोत ने पर्यावरण के अनुकूल औद्योगिक विकास के लिए पाली, बालोतरा, जोधपुर एवं भिवाड़ी में स्थापित सीईटीपी की प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेशों के अनुरूप इन सीईटीपी को अपग्रेड कर वहां स्थापित उद्योगों को राहत देने तथा जयपुर के सांगानेर में स्थापित कपड़ा उद्योग इकाईयों को सीईटीपी से जोड़ने में आ रही भूमि रूपान्तरण की समस्या के समाधान के लिए तीव्र गति से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए रात्रि के समय में उद्योगों को बिजली सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने का आग्रह किया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने एवं निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभाग द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम के सुदृढीकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी बताया।
बैठक में रीको के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में ऑनलाइन ई-बिडिंग सिस्टम का विकसित करने के बाद तीन माह में ही उद्यमियों की ओर से अच्छा रेस्पोंस आया है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव एमएसएमई, प्रमुख शासन सचिव राजस्व, आयुक्त उद्योग, प्रबंध निदेशक रीको सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।