जयपुर। राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। ना तो भाजपा का केन्द्रीय नेतृत्व कोई पत्ते खोल रहा है और ना ही प्रदेश नेतृत्व। करीब सवा महीने से प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा है। हालांकि दोनों ही खेमे केन्द्रीय और प्रदेश नेतृत्व अपने दावेदारों के नामों पर अड़े हुए है।
अध्यक्ष पद की घोषणा तो कब होगी, लेकिन केन्द्रीय व प्रदेश नेतृत्व में अडाअडी देख अब दावेदार पीछे हटने लगे है। प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल रहे एक दावेदार ने आज बयान दिया है कि वे प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में नहीं है। यूडीएच मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कहा कि वे ना तो पहले और ना ही अब प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में है। वे ना तो अध्यक्ष बनना चाहते हैं और ना ही वे बनेंगे।
उनका कहना है कि मैं अध्यक्ष पद की दौड़ में कभी नहीं रहा। मुझे अध्यक्ष कुर्सी की चाहत नहीं है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खेमे के कृपलानी के इस बयान से पार्टी में हडकम्प है। अशोक परनामी के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद इनके नाम की काफी चर्चा रही। आज मीडिया में कृपलानी ने प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नहीं होने का बयान दिया है। ऐसे में लग रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद को देखते हुए दावेदार किसी झंझट में नहीं पड़ना चाहते हैं और वे इस मुद्दे से कुछ को अलग कर रहे हैं। हालांकि कृपलानी के बयान के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष का मसला पार्टी के समकक्ष बना हुआ है। अब देखना है कि सवा महीने से खाली पड़े इस पद पर किसकी ताजपोशी होती है और किस खेमे को पटखनी मिलती है।