जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष योजना में कार्यरत संविदाकर्मी को एनआरएचएम योजना में समायोजित कर उसका तबादला चार सौ किलोमीटर दूर करने पर प्रमुख चिकित्सा सचिव, अतिक्ति स्वास्थ्य निदेशक और एनआरएचएम निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायाधीश वीएस सिराधना की एकलपीठ ने यह आदेश रामनिवास की ओर से दायर याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता मुख्यमंत्री जीवन रक्षा कोष योजना में गत नौ साल से फागी में संविदा पर काम कर रहा था। राज्य सरकार ने इस गत 31 मार्च को इस योजना को खत्म कर संविदाकर्मियों को एनआरएचएम में समायोजित कर लिया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता का समायोजन के नाम पर चार सौ किलोमीटर दूर भीलवाडा जिले में तबादला कर दिया। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता अल्प वेतनभोगी तथा संविदा पर कार्यरत है। ऐसे में उसका सुदूर तबादला करना गलत है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।