जयपुर। पूर्ण टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने और निम्न टीकाकरण कवरेज वाले शहरी क्षेत्रों एवं अन्य इलाकों पर अपेक्षाकृत ज्यादा ध्यान देने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2018 तक लक्ष्य हासिल करने हेतु एक आक्रामक कार्य योजना तैयार की है। योजना के मुताबिक राज्य 07 अक्टूबर, 2017 से निरंतर चार महीनों तक हर माह की सात तारीख से सात कार्य दिवसों के दौरान तीव्र मिशन इंद्रधनुष अभियान चलाएगी, जिसमें रविवार, अवकाश दिवस एवं सामान्य टीकाकरण दिवस शामिल नहीं हैं। तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत कुल मिलाकर 118 जिलों, 17 शहरी क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों के 52 जिलों को लक्षित किया जाएगा। तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत उन शहरी क्षेत्रों पर अपेक्षाकृत ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, जिन पर मिशन इंद्रधनुष के तहत फोकस नहीं किया जा सका था। शहरी क्षेत्रों में इससे वंचित रही आबादी के मानचित्रण और इन क्षेत्रों में टीकाकरण सेवाएं मुहैया कराने के लिए एएनएम की आवश्यकता आधारित तैनाती के जरिए यह काम पूरा किया जाएगा। शहरों के इन क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी तैनाती के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों को आवाजाही संबंधी सहायता मुहैया कराई जाएगी। सभी स्तरों पर गहन निगरानी एवं सुदृढ़ जवाबदेही व्यवस्था स्थापित की जा रही है। राष्ट्रीय स्तर पर कैबिनेट सचिव और राज्य स्तर पर मुख्य सचिव इस दिशा में हो रही तैयारियों एवं प्रगति की समीक्षा करेंगे। तीव्र मिशन इंद्रधनुष के लिए चिन्हित प्रत्येक जिले पर संबंधित भागीदार प्रत्येक जिले हेतु चिन्हित मुख्य व्यक्ति के जरिए करीबी नजर रखेंगे। इसके अलावा, तीव्र मिशन इंद्रधनुष के विभिन्न चरणों के पूरा हो जाने के बाद तीव्र मिशन इंद्रधनुष के सत्रों को सामान्य टीकाकरण सूक्ष्म योजनाओं के साथ एकीकृत करने पर भी विशेष जोर दिया जाएगा। इन सत्रों के एकीकरण पर संबंधित भागीदार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी करीबी नजर रखेंगे। तीव्र मिशन इंद्रधनुष की एक विशिष्ट खूबी यह है कि इसके तहत अन्य मंत्रालयों/विभागों विशेषकर महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, शहरी विकास, युवा मामले, एनसीसी इत्यादि से जुड़े मंत्रालयों एवं विभागों के साथ सामंजस्य बैठाने पर अपेक्षाकृत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। विभिन्न विभागों के जमीनी स्तर वाले कामगारों जैसे कि आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कर्मचारियों, एनयूएलएम के तहत जिला प्रेरकों, स्वयं सहायता समूहों के बीच समुचित सामंजस्य तीव्र मिशन इंद्रधनुष के सफल क्रियान्वयन के लिहाज से अत्यंत आवश्यक है।
भारत के सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) का मुख्य उद्देश्य 12 टीका निवारणीय रोगों से बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं की मृत्यु दर एवं रुग्णता में कमी लाना है। विगत में यह देखा गया है कि टीकाकरण कवरेज में वृद्धि की गति धीमी पड़ गई थी और वर्ष 2009 एवं वर्ष 2013 के बीच इसमें 1 फीसदी वार्षिक की दर से वृद्धि हुई। इस कवरेज में तेजी लाने के लिए मिशन इंद्रधनुष की परिकल्पना की गई थी और वर्ष 2015 से इस पर अमल की प्रक्रिया शुरू की गई, ताकि पूर्ण टीकाकरण कवरेज को काफी तेजी से 90 फीसदी के स्तर पर पहुंचाया जा सके।
मिशन इंद्रधनुष के चार चरणों को देश के 528 जिलों में पूरा किया जा चुका है। मिशन इंद्रधनुष के तहत अब तक 2.47 करोड़ से ज्यादा बच्चों और लगभग 67 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। मिशन इंद्रधनुष के प्रथम दो चरणों के परिणामस्वरूप एक साल में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इससे पहले इसमें 1 प्रतिशत की ही वृद्धि हुई थी। इसमें शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है।