High Court responds to clean sweeper's job

जयपुर। मनमाने तरीके से और सुनवाई का मौका दिए बिना ही 22 परिवादियों को घरेलू की जगह व्यावसायिक उपयोग मान कर पानी का बिल जारी करने के मामले में जिला उपभोक्ता मंच जयपुर-प्रथम में अध्यक्ष जैनेन्द्र कुमार जैन एवं सदस्या प्रतिभा शर्मा ने पीएचईडी दूदू का सेवा दोष मानते हुए प्रत्येक परिवादी को पांच-पांच हजार रुपए एक माह में हर्जाना देने के आदेश देते हुए कुल 1.1० लाख रुपए का हर्जाना लगाया है।

कोर्ट ने परिवाद दायर करने की तारीख से प्रार्थियों के रिहायशी मकान में लगे पानी के कनेक्शन को भी घरेलू मानकर पानी का बिल जारी करने को कहा है। इस संबंध में कृष्ण कुमार व 21 अन्य ने परिवाद दायर कर मंच को बताया कि उन्होंने पीएचईडी से घरेलू कनेक्शन ले रखा था और उसके अनुसार ही पानी का बिल आता था। लेकिन फरवरी, 2०14 में उन्हें बढ़ा हुआ बिल जारी किया और दिसंबर से 52 रुपए की जगह 311 रुपए का बिल जारी किया गया।

बाद में बताया कि अघरेलू बिल जारी किया है। मंच में जलदाय विभाग का कहना था कि परिवादियों ने अपने घर में दुकानें बना रखी थी। लेकिन विभाग कोर्ट में यह साबित नहीं कर पाया है कि परिवादियों ने दुकान में पानी का नल लगा रखा था और वे पानी का व्यावसायिक उपयोग कर रहे थे।

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