नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को शराब पीने के बाद अपनी पांच वर्षीय पुत्री का यौन उत्पीड़न करने के लिए 10 वर्ष कैद की सजा सुनायी है। अदालत ने कहा कि इसका कोई कारण नहीं है कि बच्ची झूठे ही अपने पिता को फंसाये। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश गुरदीप सिंह ने व्यक्ति को 12 वर्ष से कम आयु की महिला से बलात्कार और पॉक्सो कानून के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न अपराधों का दोषी पाया। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘दोषी ने अपनी ही पुत्री से बलात्कार किया है जो कि अपराध के समय मात्र पांच वर्ष की थी।’’
अभियोजन के अनुसार व्यक्ति अपनी पत्नी के गुजर जाने के बाद एक आभूषण बाक्स कारखाने में अपनी पुत्री के साथ रहता था। 14 नवम्बर 2013 को शराब पीने के बाद उसने उससे बलात्कार किया। बच्ची ने अगले दिन उसके नियोक्ता को सूचित किया जिसके बाद एक शिकायत दर्ज करायी गई।’’ अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बच्ची अपनी मां के गुजर जाने के बाद अपने पिता के साथ ही रहती थी और किसी अजनबी के इशारे पर उसके खिलाफ एक झूठा मामला दर्ज कराने का कोई कारण नहीं है।
अदालत ने इसके साथ ही पीड़ित को दिल्ली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से 5 लाख रूपये का मुआवजा भी दिया। अदालत ने यह मुआवजा दिल्ली महिला आयोग से आरसीसी अधिवक्ता शबनम खान की दलीलें सुनने के बाद दिया जिन्होंने इस मामले में अदालत की सहायक का काम किया।