– मिड डे मील योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाते हुए भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है.
– जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। भाजपा विधायक प्रतापसिंह सिंघवी ने प्रदेश के मिड डे मिल के लिए दिए गए ठेके में 7500 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाया है। इसके साथ ही आंगनबाड़ियों में घटिया पोषाहार सप्लाई करने के भी आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने टेंडर की शर्ते चहेती फर्म को फायदा देने के लिए बनाई गई है। इस मामले को लेकर सिंघवी ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस कर इस घोटाले का तथ्यात्मक खुलासा किया। उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि कॉनफैड की ओर से एक हजार करोड़ रुपए पोषाहार सप्लाई करने की निविदा पांच सालों के लिए जारी की गई। इसका अनुबंध भी पांच साल के लिए किया गया है। इस निविदा की लागत 5 हजार करोड़ रुपए होती है। इस अनुबंध को आरटीपीपी के नियमानुसार 50 प्रतिशत वृद्धि के साथ आपसी सहमति से की जा सकती है। इस राशि के लिए बिड सिक्योरिटी 375 करोड़ रुपए ली जानी चाहिए थी जबकि बिड सिक्योरिटी पांच करोड़ रुपए ही ली गई। इस निविदा का वास्तविक मूल्य 7500 करोड़ रुपए होता है जबकि कागजों में इसे 1000 करोड़ रुपए बताया गया है। इसके साथ ही संवेदक को 370 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया गया है। आरटीपीपी एक्ट की धारा 29 एवं नियम 15 के अनुसार खुली बोली आमंत्रित की गई जिसमें मात्र 9 दिन का समय संवेदकों को दिया गया जबकि नियमानुसार 2० दिन का समय दिया जाना चाहिए।
सिंघवी ने बताया कि 75०० करोड़ रुपए की निविदा में प्री बिड का कोई प्रावधान नहीं रखा गया जबकि संवेदकों को अपनी बात कहने का मौका दिया जाना चाहिए था। निविदा के संबंध में समस्त कार्रवाई का विवरण पोर्टल पर डाला जाना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसका ठेका इन्दौर की सांई ट्रेडिंग कंपनी को दिया गया है। इसकी सप्लाई की कोई ऑनलाइन मॉनिटरिंग नहीं की जा रही है। इस टेंडर में शर्त है कि सरकार गेहूं, चावल एफसीआई के माध्यम से उपलब्ध कराएगी यदि एफसीआई उपलब्ध नहीं कराती है तो कंपनी साई ट्रेडिंग स्वयं उपलब्ध कराएगी जिसके बदले में फर्म को भुगतान किया जाएगा। इसकी आड में कंपनी बाजार दर से ढाई तीन गुना ऊंची दर पर पोषाहार सप्लाई करेगी और सप्लायर को भारी मुनाफा देकर सरकार को अरबो रुपए का नुकसान पहुंचाया जाएगा। पोषाहार की गुणवत्ता इतनी खराब है कि वह खाने लायक नहीं है वह पोषण की बजाय बच्चों को बीमार कर रहा है। ऐसे में लोग बच्चों को खिलाने की बजाय जानवरों को खिला रहे हैं। आंगनबाडी से इस तरह की शिकायत भी की गई है लेकिन इसके बाद भी फर्म पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह कार्य सरकार ने कॉनफैड को दिया है जिसके बदले में कॉनफैड करोड़ों रुपए का कमीशन ले रहा है जबकि यह काम महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से भी किया जा सकता था। पूर्व नगरीय विकास मंत्री प्रतापसिंह सिंघवी ने इस पूरे घोटाले की जांच कराने की मांग है। उन्होंने इस संबंध में समय समय पर मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर अवगत कराया इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। मिड डे मील योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लगाते हुए छबड़ा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने इस पूरे प्रकरण की जांच करवाने की मांग की है. विधायक सिंघवी ने कॉनफैड और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
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