इंदौर। राष्ट्रद्रोह के आरोप में मध्यप्रदेश की इंदौर स्थित विशेष अदालत ने सोमवार को सिमी सरगना सफदर नागौरी सहित 11 आतंकियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें 10 आतंकी गुजरात की साबरमती जेल में बंद हैं। नागौरी सहित उनके साथियों के खिलाफ देश के विरुद्ध विद्रोह की साजिश रचने और अवैध हथियार रखने के संगीन आरोप थे। पुलिस ने इन सभी आरोपियों को मार्च 2008 में इंदौर से गिरफ्तार किया था। पूछताछ के बाद इंदौर के समीप अरोदा गांव से शहजाद फार्म हाऊस से सफदर नागौरी, कमरुद्दीन व आमिल परवेज की निशानदेही पर छिपाकर रखे गए विस्फोटक और बड़ी संख्या में डेटोनेटर बरामद कर किए थे। पुलिस ने मौके से भड़काऊ पम्पलेट्स मिले। जिनमें देश के खिलाफ विद्रोह करने और जिहाद छेडऩे सरीखी बातें लिखी हुई थी। पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने चोरल के पास एक फार्म हाऊस में बकायदा ट्रेनिंग कैम्प भी लगाया। कोर्ट ने गुजरात की साबरमती जेल में बंद आतंकियों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पूरी कर सेक्शन 124 के तहत देशद्रोह का दोषी मानकर अपना फैसला सुनाया। आरोपी सफदर नागौरी न केवल भारत वरन अलकायदा व पाकिस्तान में सक्रिय जमायते इस्लामी के संपर्क में था। नागौरी ने उज्जैन के मेहंदीपुर का रहने वाला था और काफी शिक्षित था। नागौरी बाद में शाहिद बद्र फलाही की जगह सिमी का प्रमुख बना। जिसका नाम मुम्बई और अजमेर बम धमाकों में सामने आया। उसके साथियों ने कर्नाटक व आंध्रप्रदेश के परमाणु ठिकानों को उड़ाने की साजिश भी रची। लेकिन पकड़ा गया। नागौरी के साथ ही कमरुद्दीन उर्फ राजू, सिबली, साबिर, अंसार, यासीन, हाफिज हुसैन, अहमद बेग, शमी, मुनरोज और खालिद अहमद को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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