नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना ने 12 राष्ट्रीय राजमार्गों को विमान की आपात लैंडिंग के लिए एयरस्ट्रीप की तरह इस्तेमाल किए जाने की मंजूरी दे दी है। आपात लैंडिंग के अनुकूल विकसित किए जाने वाले इन राष्ट्रीय राजमार्गोँ के जरिए राहत एवं बचाव दल को घटनास्थल तक पहुंचने में मदद मिलेगी। परियोजना के परिचालन से जुड़े एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। देशभर के कुल 21 राष्ट्रीय राजमार्गों को एयरस्ट्रीप की तरह विकसित किए जाने का प्रस्ताव है, हालांकि अब तक 12 राष्ट्रीय राजमार्गों को ही इसकी मंजूरी मिली है। इन 12 राष्ट्रीय राजमार्गों में ओडिशा, झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोडऩे वाले तीन राजमार्गं भी शामिल हैं। गौरतलब है कि यह तीनों राज्य न सिर्फ नक्सल प्रभावित हैं, बल्कि हर साल बाढ़ और चक्रवाती तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से ग्रस्त रहते हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, वायु सेना ने 21 राजमार्गों में 12 राष्ट्रीय राजमार्गो को आपात लैंडिंग के अनुकूल एयरस्ट्रीप की तरह विकसित करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों को लेकर विचार-विमर्श और परीक्षण चल रहे हैं और जल्द ही उन्हें भी वायु सेना की मंजूरी मिल जाएगी।
हालांकि कई बार कोशिश करने के बावजूद वायु सेना ने इस परियोजना पर कोई टिप्पणी नहीं की। राजमार्गों को आपात स्थितियों में सेना द्वारा इस्तेमाल करने योग्य बनाने के लिए अवसंरचना विकास पर भी वायु सेना ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। परियोजना के तहत विमान की लैंडिंग के लिए इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर तारकोल की परत को मोटा किया जाएगा और सड़कों को इतना मजबूत बनाया जाएगा कि वे विमान की लैंडिंग को वहन कर सकें। अधिकारी ने बताया, सामान्य दिनों में यह राजमार्ग सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए खुले रहेंगे, लेकिन आपात स्थिति में सामान्य परिवहन को रोक दिया जाएगा और सड़क का इस्तेमाल विमान की लैंडिग के लिए किया जाएगा। आपात स्थितियों में सार्वजनिक परिवहन को सामान्य बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाएगी। सड़क, परिहवन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्रालय के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएअई) को कार्यकारी एजेंसी की तरह इस्तेमाल किया जाएगा।

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