Brigadier vikram chand

नई दिल्ली। 1971 युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर विक्रम चंद का निधन हो गया। वह 96 वर्ष के थे। देश की आजादी से पहले वह सेना में भर्ती हुए थे। पिथौरागढ़ के बुंगा गांव के रहने वाले ब्रिगेडियर चंद ने प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही ली। इसके बाद उन्होंने बिड़ला स्कूल और इलाहाबाद से स्नातक की उपाधि ली। वर्ष 1944 में उन्होंने सेना में कमीशन प्राप्त किया। वे इटली में तैनात रहे।

देश की आजादी के वर्ष 1947 में उन्हें छह कुमाऊं रेजीमेंट में तैनाती मिली। समय-समय पर वे सेना की विभिन्न इकाईयों में अपनी सेवाएं देते रहे। वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध में उन्होंने आर्मी हेडक्वार्टर में युद्ध गतिविधियों के संचालन का महत्वपूर्ण दायित्व संभाला। इस युद्ध में उनकी शानदार सेवा को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति ने उन्हें अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया। इसके बाद उन्हें मेजर जनरल पद पर पदोन्नत किया गया, लेकिन पद रिक्त न होने से वह कार्यभार ग्रहण नहीं कर सके। 96 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। वर्तमान में उनके एक पुत्र लव विक्रम चंद मेजर जनरल पद पर कार्यरत हैं। दूसरे पुत्र विक्रम चंद ब्रिगेडियर पद से और तीसरे पुत्र धीरेंद्र चंद कर्नल पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। निधन का समाचार मिलते ही सेना की स्थानीय इकाई के जवानों के साथ ही तमाम नगरवासियों ने उनके आवास पर पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। स्थानीय रामेश्वर घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई।

LEAVE A REPLY