20 cities including Delhi will be garbage free till next year

नयी दिल्ली। केन्द्र सरकार ने शहरों को कचरे की तेजी से बढ़ती समस्या से मुक्त कराने के लिये कचरा निस्तारण की चरणबद्ध मुहिम शुरू की है। इसके पहले चरण में दिल्ली सहित 20 प्रमुख शहरों को साल 2018 से पहले कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के ‘‘स्वच्छ भारत अभियान’’ के तहत शोध संस्थान विज्ञान एवं पर्यावरण केन्द्र (सीएसई) ने शहरों में कचरे का स्रोत के स्थान पर ही निस्तारण किये जाने की कार्ययोजना पेश की है। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन 12 दिसंबर को स्थानीय संगठनों की मदद से चलाये जाने वाले इस अभियान को हरी झंडी दिखायेंगे। सीएसई की परियोजना अधिकारी वृंदा नागर ने बताया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने इस साल पांच जून को शहरी कचरे को उसके स्रोत के स्थान पर ही अलग अलग करने का देशव्यापी अभियान शुरू किया था। इसके तहत सीएसई ने 20 महानगरों में अलग अलग किये गये विभिन्न श्रेणी के कचरे का निस्तारण करने का अभियान स्थानीय निकायों के साथ मिलकर चलाने की पहल की है। इसमें स्थानीय नागरिक संगठनों को शामिल कर अलग अलग किये गये ठोस कचरे को निस्तारण केन्द्रों तक ले जाने में जरूरी मूलभूत संसाधन मुहैया कराये जायेंगे। मुहिम के तहत आवासीय क्षेत्रों में कचरा अलग करने के नियम और प्रक्रिया का पालन कराने की जिम्मेदारी स्थानीय निकायों को सौंपी गयी है। नियम और प्रक्रिया तय करने से लेकर ठोस कचरे को स्थानीय निकायों द्वारा संचालित निस्तारण केन्द्रों तक पहुंचाने में सीएसई तकनीकी विशेषज्ञता मुहैया करायेगी।

उन्होंने बताया कि यह अभियान दिल्ली के अलावा पटना, गया, पूना, इंदौर, गंगटोक और वाराणसी सहित 20 शहरों में एक साथ शुरू होगा। अभियान में शामिल सभी संबद्ध एजेंसियों का समूह गठित कर सभी की अलग अलग जिम्मेदारी तय कर इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिये केन्द्रीय स्तर पर निगरानी तंत्र की सहायता ली जायेगी। जिससे साल 2018 से पहले इन शहरों में कचरे को स्रोत से ही अलग अलग कर इसका शत प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत के शहरों में सालाना 6.2 करोड़ टन ठोस कचरा निकलता है। देश में प्रति व्यक्ति उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा में प्रतिवर्ष 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर को देखते हुये देश में कचरे की समस्या गंभीर हो गयी है। नागर ने बताया कि समस्या का एकमात्र समाधान कचरे को अलग अलग कर इसका निस्तारण करना ही है।

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