नई दिल्ली। देश में संगठित क्षेत्र के कर्मियों को अच्छी खबर मिल सकती है। भारत सरकार 20 लाख रुपए तक की कर मुक्त ग्रेच्युटी सीमा बढ़ा सकती है। केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने श्रम मंत्रालय के साथ त्रिपक्षीय विचार-विमर्श में प्रस्ताव पर सहमति जताई है। केंद्रीय ट्रेड यूनियन ग्रेच्युटी भुगतान कानून में प्रस्तावित संशोधन पर त्रिपक्षीय बैठक में अंतरिम उपाय के रूप में ग्रेच्युटी भुगतान की सीमा दोगुनी करने पर सहमत हो गए हैं। यूनियनों ने ग्रेच्युटी के भुगतान के लिए प्रतिष्ठान में 10 कर्मियों के होने और न्यूनतम 5 साल की सेवा की शर्तों को हटाने की मांग की है। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस एटक ने एक बयान में कहा, अंतरिम उपाय के रूप में अधिकतम भुगतान सीमा 20 लाख रुपए करने को स्वीकार करते हुए यूनियनों ने कर्मचारियों की संख्या और सेवा वषज़् के संदर्भ में सीमा हटाए जाने की मांग की है।
यूनियनों ने यह भी मांग की है कि प्रत्येक साल के लिए ग्रेच्युटी भुगतान को 15 दिन के वेतन से बढ़ाकर 30 दिन के वेतन के बराबर किया जाना चाहिए। सातवें वेतन आयोग की सिफ ारिश को सरकार ने स्वीकार कर लिया है। नियोक्ताओं के साथ राज्य प्रतिनिधियों ने भी ग्रेच्युटी की राशि बढ़ाकर 20 लाख रुपए करने पर सहमति जताई।

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