जयपुर। आमेर तहसील के ग्राम बेनाड़ा-दौलतपुरा निवासी 97 वर्षीय वयोवृद्ध बीमार, अशिक्षित एवं असहाय व्यक्ति भूरा राम गुर्जर से उसकी बेवा पुत्रवधु राजु देवी के हक में गिफ्ट डीड की रजिस्ट्री कराने के बहाने करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कृषि भूमि की रजिस्ट्री अपने नाम बेचान कराने एवं मिलीभगत कर नामान्तरण भी अपने नाम दर्ज करवा कर धोखाधड़ी करने के अपराध में 12 दिसम्बर को गिरफ्तार किए गए दो अभियुक्तों की जमानत अर्जी शनिवार को अपील कोर्ट ने भी खारिज कर दी। एडीजे-16 जयपुर मेट्रो राजेन्द्र कुमार बंसल ने गंभीर अपराध बताते हुए अभियुक्त राजेश बराला (25) निवासी राधास्वामी बाग चौमूं तथा अमित चौधरी (29) निवासी बन्धू नगर मुरलीपुरा, जयपुर की जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिए। मामले में पुलिस ने दोनों के अलावा महेश चौधरी (35) को भी गिरफ्तार कर चुकी है। तीनों आरोपी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
परिवादी के अधिवक्ता गंगाराम शर्मा ने जमानत प्रार्थना पत्रों का विरोध करते हुए कोर्ट को बताया कि 14 जुलाई, 2012 को भूराराम ने अपने मृत बेटे जगदीश की पत्नी राजू देवी के हक में सब रजिस्ट्रार-नौ, बनीपार्क जयपुर के समक्ष गिफ्ट डीड की रजिस्ट्री कराई थी। अभियुक्तों ने आपराधिक षड्यन्त्र रचकर बेशकीमती भूमि का पूर्व में 19 लाख रुपए का भुगतान बताते हुए मिथ्या विक्रय पत्र राजेश बराला के नाम रजिस्ट्री करवा दी गई। फर्जी विक्रय पत्र में अन्य गिरफ्तार दोनों अभियुक्त गवाह बने हैं। कूटरचित विक्रय पत्र के आधार पर राजेश बराला ने जमीन का नामान्तरण भी अपने नाम खुलवा लिया। पोते के जमाबंदी की नकल लेने पर 25 अक्टूबर को जानकारी मिली कि आबादी क्ष्ोत्र के पास स्थित होने से काफी महंगी जमीन का मालिक अभियुक्त राजेश बराला बन गया है। 26 अक्टूबर को बनीपार्क थाने में व बाद में डीसीपी पश्चिम को रिपोर्ट देने पर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। 15 नवम्बर को कोर्ट में इस्तगासा पेश किया। कोर्ट के आदेश से एक दिसम्बर को मुकदमा दर्ज किया गया। बाद जांच पुलिस ने मामले में अभियुक्तों पर दफा 420, 465, 467, 468, 471, 120 बी एवं 466 का अपराध करना प्रमाणित माना है।