जयपुर। फर्जी दस्तावेजों से विभिन्न बैंकों से 25 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई मामलों की निचली अदालत में जज प्रदीप कुमार ने दूसरे मुकदमें में अभियुक्तों के खिलाफ चार्ज लगाने के आदेश दिए। देना बैंक से जुड़े इस मामले में अभियुक्तों ने 2०1० में मालवीय नगर शाखा से टर्म लोन एवं केस क्रेडिट लिमिट मैसर्स रिद्धी-सिद्धी स्टोन के नाम से जारी करवाई। 2०14 में बैंक खाते एनपीए हो गए और देना बैंक को 1०66.85 लाख रुपए का नुकसान हुआ।
जांच अधिकारी सीबीआई इंस्पेक्टर नरेन्द्र कुमार सिंह ने दर्पण गोयल, उसके पिता रामगोपाल व मां मोहन कुमारी (72) को ही मुल्जिम मानते हुए चालान पेश किया। एक ही जमीन के रामगोपााल ने 3० गिफ्ट डीड पत्नी, बेटे रवि व पुत्र वधु मिन्टू गोयल के नाम कर उपपंजीयक, जयपुर प्रथम, द्बितीय, पंचम और षष्ठ के समक्ष पेश कर रजिस्ट्री करवाई। देना बैंक ने जमीन का कब्जा ही नहीं देखा। सीबीआई ने उपरोक्त तीनों मुकदमों में एक भी बैंक कर्मी को दोषी नहीं माना। आरोपी रहे रवि व पिता रामगोपाल की मृत्यु हो चुकी है। मोहन कुमारीभी 72 साल से अधिक उम्र की है। दर्पण के हस्ताक्षरों की भी एफएसएल से जांच ही नहीं करवाई। 3 माह पूर्व अन्य मामलों में लगाए गए चार्ज में सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया को 961.18 लाख रुपए की चपत लगाने के आरोप हैं। तीनों मामलों में एक ही परिवार को दोषी माना गया है। इस मामले में दर्पण, रामगोपाल, मोहन कुमारी व सुनीता गोयल के खिलाफ चालान पेश किया था।