नई दिल्ली. आज यानी 1 अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर 28% गुड्स एंड सर्विस टैक्स लगना शुरू हो जाएगा। जीएसटी काउंसिल ने जुलाई में ऑनलाइन गेमिंग, हॉर्स-रेसिंग और कैसिनो पर 28% जीएसटी लगाने का ऐलान किया था। 2 अगस्त को 51वीं बैठक में इस पर अंतिम फैसला लिया गया था। अब तक इन खेलों पर 18% तक टैक्स लगता था। बीते दिनों सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने कहा था कि ऑनलाइन गेमिंग पर 1 अक्टूबर से ही 28% जीएसटी लगेगा। उन्होंने कहा कि गेमिंग कंपनियों को इसके लागू करने के प्रोसेस के तहत लीगल नोटिस भी भेज दिया गया है। संजय अग्रवाल ने कहा है कि सभी राज्यों की विधानसभाएं जीएसटी संशोधन विधेयक 2023 को अपने यहां 30 सितंबर तक पास करा लें या अध्यादेश लाकर 1 अक्टूबर से लागू करें। उन्होंने कहा कि इसके लागू होने के 6 महीने बाद रिजल्ट की समीक्षा की जाएगी। फिलहाल, ज्यादातर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म 18% जीएसटी देते हैं। कैसीनो, सट्टेबाजी और इस तरह के दूसरे गेम जिनमें ‘चांस’ की बात होती है, उन पर 28% जीएसटी लगाया जाता है। घुड़सवारी या घुड़दौड़ में सरकार दांव मूल्य (हर बेटिंग) पर 28% जीएसटी चार्ज करती है। देश के 40 करोड़ लोग ऑनलाइन गेम खेलते हैं। 2025 तक इस इंडस्ट्री के 5 अरब डॉलर यानी करीब ₹41 हजार करोड़ होने के आसार हैं। 2017-2020 के बीच देशी मोबाइल गेमिंग इंडस्ट्रीज 38% सालाना की दर से बढ़ी थी। इस इंडस्ट्री के बढ़ने का रफ्तार दुनिया में सबसे तेज है। भारत के बाद चीन और अमेरिका का गेमिंग ग्रोथ 8% और 10% है। टीसीएस और इंफोसिस समेत कई दिग्गज कंपनियां ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस सेक्टर से जुड़े करीब 1 लाख लोग बेरोजगार हो सकते हैं। आईटी एक्ट-2021 के संशोधन के तहत सरकार सभी गेम ऑफ चांस को गैंबलिंग मानती है। सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी गेम ऑफ चांस की पहचान कर बंद करेगी। सरकार गेमिंग और गैंबलिंग की विशेष निगरानी करना चाहती है। बच्चों और बड़ों को जोखिम में ले जाने वाले गेमिंग और गैंबिलिंग की पहचान की जा रही है।

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