नयी दिल्ली : 2जी मामले में फैसला देने वाली विशेष अदालत ने कहा है कि नए 2जी लाइसेंस आवंटित करने के मुद्दे से निपटते समय पूर्व कानून मंत्री एचआर भारद्वाज का आचरण ‘‘सभी स्थापित कानूनों, नियम और सरकारी कार्यप्रणाली के प्रोटोकॉल के विपरीत था।’’ विशेष न्यायाधीश ओपी सैनी ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामलों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और अन्य को बरी करते समय तत्कालीन कानून मंत्री और पूर्व कानून सचिव के. विश्वनाथन की उनके आचरण को लेकर खिंचाई की और उस समय दिए गए कानून मंत्रालय के मत को ‘‘पूरी तरह विचित्र’’ करार दिया।
अदालत ने कहा कि नए लाइसेंस जारी करने और स्पेक्ट्रम आवंटन से संबंधित मामला अधिकार प्राप्त मंत्री समूह को भेजने की कानून मंत्रालय की राय ‘‘अनावश्यक विवाद खड़ा करने’’ पर केंद्रित थी।
इसने कहा, ‘‘यह राय देने में, कानून सचिव और तत्कालीन कानून मंत्री का आचरण सभी स्थापित कानूनों, नियम और सरकारी कार्यप्रणाली के प्रोटोकॉल के खिलाफ था। कानून सचिव और कानून मंत्री मिलकर काम कर रहे थे। क्यों? क्योंकि फाइलें दूरसंचार विभाग से अनधिकृत तरीके से मंगाई गई थीं।’’