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जयपुर। परिवादी कम्पनी को पांच सितारा होटल बनाने के लिए जमीन देने का झांसा देकर 3 करोड़ रुपए लेने तथा बाद में स्वयं के ही ग्रुप हाउसिंग योजना बना कर धोखाधड़ी करने के मामले में सीएमएम जयपुर मेट्रो पी.एल. सैनी ने माणक चौक थाना पुलिस को अपराध अन्तर्गत धारा 4०6, 42०, 467, 468, 471 व 12० बी में अप्रार्थीगण के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं।
इस संबंध में अनिरुद्ध तिवाड़ी, निदेशक पारीक होटल्स एण्ड रिजार्टस कम्पनी, शिव मार्ग जयपुर ने अदालत में हरी मोहन डंगायच (68), उसकी पत्नी कमलेश डंगायच (65), अशोक दोषी (68), इकबाल सिंह (68), उसके भाई राम प्रकाश गंभीर (6०) एवं ब्लू डायमण्ड बिल्डकोन कम्पनी सहित अन्य के खिलाफ इस्तगासा पेश किया था। परिवादी के एडवोकेट नरेश कुमार शर्मा ने कोर्ट को बताया कि प्रोपर्टी डीलर गोपाल धामाणी के माध्यम से परिवादी ने होटल की जमीन के लिए अप्रार्थीगण से सम्पर्क किया था। ग्राम कानोता-बस्सी में स्थित आरोपी कम्पनी की 13 बीघा जमीन बताकर 39,925 वर्ग गज जमीन 6251 रुपए प्रति वर्ग गज के हिसाब से बेचना तय किया और अशोक दोषी ने सादा कागज पर लिखावट लिख कर समस्त तथ्य अंकित कर लिखावट गोपाल धामाणी को सौंप दिया।
सितम्बर 2००6 में 1०० रुपए के स्टाम्प व 4 पाईप पेपरों पर दोनों कम्पनियों के बीच इकरारनामा हुआ। जिसके अनुसार 1.99 करोड़ रुपए नकद एवं 1.०1 करोड़ रुपए के दो चेक्स अदा किए गए। शर्तो के अनुसार बेचने वालों को ही नक्शा बनाकर उनको जेडीए से अनुमोदित करवा कर (2एफएआर नक्शा भी) भूमि का रुपान्तरण अपने खर्चे पर करवा कर सूचना क्रेता को देगा तथा उसके बाद तय शुदा रुपए लेकर रजिस्ट्री कराएंगे। काम नहींे होने पर राशि लौटा देंगे। आरोप है कि इकरारनामे की पालना नहीं की। इकरारनामे की प्रति भी नहीं दी। 3० मई, 2०18 को जानकारी मिली कि जमीन को हाउसिंग में कनवर्ट करवा कर अन्य को बेचने का प्रयास कर रहे हैं। जेडीए में अर्जी भी लगा दी है। परिवादी का आरोप है कि उस समय डंगायच व दोषी कम्पनी के निदेशक ही नहीं थ्ो। 15 जून को एसएचओ माणक चौक एवं 18 जून को आयुक्त व उपायुक्त (उत्तर) को शिकायत देने पर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।

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