जयपुर। दस साल पहले पारिवारिक पेंशन की पत्रावली तैयार करने की एवज में 500 रुपए की रिश्वत लेने वाले कार्यालय कोषाधिकारी पेंशन विभाग जयपुर में कार्यरत तत्कालीन कनिष्ठ लेखाकार अभियुक्त कैलाशचन्द सैनी, निवासी इंजीनियरिंग कॉलोनी मान्यावास-मानसरोवर को एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-3 के जज सतीश कुमार ने तीन साल की जेल एवं 20 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया।
परिवादी रिटायर्ड सर्वेयर डिफेंस देहरादून गणेशलाल पांडे ने 23 मई 2008 को एसीबी में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी कातियानी जेके लॉन अस्पताल में नर्स पद से रिटायर्ड हुई थी, जिसकी 6 मार्च, 2008 को मौत हो गई थी। पारिवारिक पेंशन की पत्रावली तैयार करने के लिए अभियुक्त ने उससे 500 रुपए की रिश्वत मांगी। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 23 मई को ही अभियुक्त को 500 रुपए के साथ रंगे हाथ ट्रेप कर लिया था। 27 नवम्बर 2018 को निदेशक कोष व लेखा सुनीला अजमेरा ने उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति देने के बाद एसीबी ने 15 मई 209 को चालान पेश किया था। कोर्ट ने रिश्वत का दोषी मानते हुए आरोपी को तीन साल की सजा दी।