जयपुर: जयपुर में 30,000 महिलाएं कचरा एकत्र करती है। यह महिलाएं प्रतिदिन तीन से चार किलोमीटर तक चलती हैं और हर सुबह लगभग 6 लाख किलो कचरा एकत्र करती हैं। आज यह जानकारी अहमदाबाद की पर्यावरण मित्र संस्था के संस्थापक आशिष अग्रवाल ने दी। वे आज जयपुर में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी में आयोजित 22वें वार्षिक सम्मेलन ‘प्रदन्या‘ के समापन दिवस पर आयोजित ‘रर्बन चुनौतियां और अवसर‘ सत्र में सम्बोधित कर रहे थे।
इसी सत्र में काॅंट्री फाउंडेषन के डायरेक्टर गौरव खण्डेलवाल ने कहा कि लैंंिगक और सामजिक भेदभाव समाप्त कर, तकनीक का प्रयोग बढ़ाते हुए, आधारभूत विकास और बेहतर गर्वनेंस के जरिए तेजी से होते रर्बनाईजेषन की चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है। आजीविका ब्यूरो के को-फाउंडर एवं एक्जीक्यूटिव फाउंडर, राजीव खण्डेलवाल ने कहा कि लगभग 58.7 लाख लोगों ने गावों से जयपुर में पलायन किया है। यह सीज़नल वर्कर हैं जो गांवों में कृषि क्षेत्र के नियमित रूप से समाप्त होने तथा षिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं ना मिलने के कारण जयपुर आते हंै। इस सत्र की अध्यक्षता आईआईएचएमआर के प्रोफेसर, डा. आनंद वेंकटेष ने की।
इससे पूर्व आयोजित ‘एनालिटिक्स, मोबिलिटी और क्लाउड‘ सत्र में जीएसके के पूर्व वाइस प्रेसीडेंट, मार्केटिंग, सलिल कलियनपुर ने कहा कि फार्मा इंडस्ट्री ‘डिजीटल प्रीपेयरडनेस‘ के स्तर तक आ चुकी है। उन्होंने डिजीटलाइज होने की आवष्यकता को पहचान लिया गया है। इससे लोग तभी जुडेंगे में जब उन्हें इसकी आवष्यकता महसुस होगी। गार्टनर रिपोर्ट के अनुसार 2020 तक 80 प्रतिषत फार्मसूटिकल व्यापार आॅनलाइन हो जाएगा। आईआईएचएमआर दिल्ली के प्रोफेसर, डाॅ. एस.एन, सर्भादिकारी ने कहा कि विभिन्न अवधारणओं को जोड़ते हुए एक डिसीजन सपोर्ट सिस्टम तैयार करने की आवष्यकता है। यह सिस्टम डिजीटल सूचनाओं का विष्लेषण करेगा और जिससे सिस्टम में इंटेलिजेंस भी आएगी। इस सत्र की अध्यक्षता आईआईएचएमआर के प्रोफेसर डाॅ. अनूप कुमार ने की।
इसके पष्चात् समापन समारोह का आयोजन किया गया। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्राॅफेसर डाॅ. सीमा मेहता ने इस सम्मेलन के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते हुए कहा कि इस आयोजन के दौरान 5 तकनीकी सत्र, 16 प्रमुख वक्ताओं के व्याख्यान, 18 पेपर प्रेजेन्टेषन, 19 पोस्टर प्रेजेन्टेषन हुए तथा 400 प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के चेयरमैन, डाॅ. एस.डी गुप्ता ने कहा कि ‘प्रदन्या‘ में विद्यार्थियों को भविष्य के बारे में जानने को मिला। इन सत्रों से प्राप्त लर्निंग से विद्यार्थी अपनी जटिल समस्याओं को आसानी से सुलझा सकेंगे तथा नेतृत्व कौषल भी प्राप्त कर सकेंगे। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रो-प्रेसिडेन्ट, डाॅ. आर.पी. सोढ़ानी ने सभी विद्यार्थियों को इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बधाई दी। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्य, डाॅ संदेष कुमार शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।