– जेडीए के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने जयपुर जेडीए के नाम करोड़ों रुपए कीमत की जमीन हो गई। ये जमीन जयपुर में विद्याधर नगर और वीकेआई एरिया के बीच मल्होत्रा नगर के पास है। इस जमीन पर पिछले साल नवंबर में जेडीए की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए यहां बने गोदाम, ऑफिस, दुकानें, झुग्गी-झोपड़ियों, मकान और कमरे खाली करवाकर उन्हें हटाया था। इस कार्यवाही के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट चैलेंज किया था, जहां सुनवाई के बाद तीन जजों की बैंच ने फैसला जेडीए के पक्ष में सुनाया। इस फैसले के बाद करीब 11 बीघा 19 बिस्वा ये जमीन जेडीए के नाम हो गई। सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों चली लम्बी बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट में जज संजय किशन कॉल, मनोज मिश्रा और अरविंद कुमार की बैंच ने फैसला जेडीए के पक्ष में करते हुए याचिकाकर्ता छोटूराम मीणा की अपील को खारिज कर दिया। जेडीए और सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट मनीष सिंघवी ने बताया कि ये मामला पिछले 30 साल से ज्यादा समय से कोर्ट में लम्बित था। साल 1958 में ये जमीन सेटलमेंट के समय ये जमीन जेडीए के नाम हो गई थी। साल 1997 में इस जमीन पर छोटू राम मीणा ने सरकार पर मुआवजा नहीं देने और जमीन अपने दादा की हाेने की बात कहकर एडीएम कोर्ट में इस पर दावा पेश किया था। तब से मामला लगातार नीचली अदालत से होते हुए उच्चतम न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिस पर आज फाइनल फैसला दिया गया। विद्याधर नगर के पास स्थित इस बेशकीमती जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यहां पिछले 25 साल से छोटू राम मीणा और कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था और इसे किराये पर दे रखा था। किराये पर देने के लिए यहां 5 बड़े गोदाम, 6 मार्बल पत्थर के गोदाम, 5 ऑफिस, एक कार सर्विस सेन्टर, एक स्कूल समेत कई झुग्गी झोपड़ियां बना रखी थी। इन सभी को जेडीए ने पिछले साल अक्टूबर में नोटिस देकर खाली करने के लिए था। जेडीए के इस नोटिस को छोटू राम मीणा ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया, जहां से स्टे नहीं मिलने के बाद जेडीए ने नवंबर में कार्यवाही करते हुए कब्जे हटाए थे।

LEAVE A REPLY