जयपुर। परिवादी अंकित जैन प्रोपराईटर मैसर्स ग्लोरियस ऐजूकेशन, मार्फत संजीव पब्लिकेशन, भगवानदास मार्केट, चौडा रास्ता, जयपुर से समय-समय पर किताबें खरीद कर भुगतान पेटे 1० जुलाई, 2०11 को 2 लाख रुपए का एवं 22 नवम्बर, 2०11 को 6 लाख रुपए का फर्जी चेक देने के दोनों मामलों में सीबीआई मामलों की विशेष अदालत क्रम-4 में जज हेमराज गौड़ ने अभियुक्त व्यवसायी अशोक कुमार शर्मा (5०) निवासी-51/252, प्रताप नगर, सांगानेर की अपील खारिज करते हुए 2-2 साल के कारावास एवं 3 लाख रुपए एवं 9 लाख रुपए के जुमार्ने की सजा का आदेश बरकरार रखा है। अभियुक्त को दोनों सजा अलग-अलग भुगतनी होगी एवं कुल 12 लाख रुपए के जुमार्ना अदा करने व अदम अदायगी 3 माह और जेल काटनी होगी।
परिवादी के एडवोकेट बी. एस. शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त पर अंतिम बकाया राशि 23 जून, 2०11 को 12,21,465 रुपए बाकी निकलते थे। आंशिक भुगतान पेटे उपरोक्त दोनों चेक दिए थे। जो बैंक से अपर्याप्त निधि के रिमार्क से साथ अनादरित हो गये थे। लीगल नोटिस देने के बाद भी अभियुक्त ने विवादित चेकों की राशि अदा नहीं की। विवादित चेकों को लेकर कोर्ट में अलग-अलग मुकदमें दायर किये। अभियुक्त ने सिक्योरिटी पेटे ब्लैक चेक हस्ताक्षरित कर देने का अभिवाक किया। बाद ट्रायल एमएम-32 कोर्ट ने 29 जुलाई, 2०14 को अभियुक्त को सजा सुना दी। आदेश को डीजे कोर्ट में चुनौती दी। एडीजे-8 कोर्ट ने 21जुलाई, 2०16 को अपील स्वीकार कर एमएम कोर्ट को नये सिरे से निर्णय पारित करने के आदेश दिए। बाद में पुन: सुनवाई कर एमएम कोर्ट ने 18 मार्च, 2०17 को उपरोक्त सजा सुनाई थी। इस आदेश की भी अपील की गई। अपील कोर्ट ने एमएम कोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए अभियुक्त व्यवसायी अशोक कुमार शर्मा को सजा भुगताने के लिए जेल भेज दिया।