-बबाई (खेतड़ी) में 10 करोड़ की लागत से तैयार नवीन डेयरी संयंत्र का लोकार्पण
जयपुर, 12 जनवरी। कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश में पशुधन के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशानुरूप पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान योजना के रूप में नवाचार किया गया है। किसानों के हित में भी कई फैसले पिछले तीन साल में लिए गए हैं। अगले वित्तीय वर्ष से किसानों के लिए अलग से बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
कटारिया बुधवार को यहां शासन सचिवालय के कॉफ्रेन्स हॉल में वर्चुअली आयोजित राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि, पशुपालन एवं डेयरी तीनों विभाग प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के तहत दुग्ध संकलन पर 2 रुपए प्रति लीटर की दर से अनुदान दिया जा रहा है। पशुपालन मंत्री ने पशुधन को किसान की जीवन रेखा बताते हुए कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण जानकारी गांव-गांव तक पहुंचे, ताकि गरीब पशुपालक को लाभ मिल सकें। श्री कटारिया ने बबाई (खेतड़ी) में 10 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से तैयार नवीन डेयरी संयंत्र का भी लोकार्पण किया। पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस कार्यक्रम में राज्य के 405 प्रगतिशील पशुपालकों को सम्मानित किया गया है। राज्य स्तर पर सम्मानित होने वाले 2 पशुपालकों को पचास-पचास हजार रुपए, जिला स्तर पर सम्मानित होने वाली सात महिला पशुपालकों सहित 68 पशुपालकों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपए तथा पंचायत समिति स्तर पर सम्मानित होने वाली 32 महिला पशुपालकों सहित 335 पशुपालकों को दस-दस हजार रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरुप प्रदान की गयी है।

इस अवसर पर पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि किसान का पशुधन उनकी सामाजिक एवं आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जहां बारानी खेती है या सिंचाई के साधन उपलब्ध नहीं है वहां पशुपालन ही किसान का मुख्य व्यवसाय है और आजीविका का प्रमुख साधन भी है। डोटासरा ने कहा कि किसान खुशहाल हों और उनकी आमदनी बढ़े इस दिशा में राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पिछले तीन साल में लिए गए फैसलों से किसानों को मजबूती मिली है। मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना के माध्यम से किसानों को कृषि कनेक्शन पर 12 हजार रुपए वार्षिक अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना से करीब तीन लाख किसानों का बिजली बिल शून्य हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसानों के लिए अलग से प्रस्तुत होने वाले आगामी बजट में उनकी समस्याओं का समाधान होगा एवं उनकी आमदनी बढ़ाने की दिशा में प्रावधान किए जाएंगे। उन्होंने कृषि के क्षेत्र में आने वाली नई तकनीक का लाभ किसानों तक पहुंचाने पर भी जोर दिया।
– प्रगतिशील पशुपालकों को हर वर्ष करेंगे सम्मानित
शासन सचिव पशुपालन, डॉ. आरूषी मलिक ने कहा कि किसानों की तरह पशुपालकों को भी उनके क्षेत्र में मान-सम्मान मिले। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने पशुपालकों के लिए सम्मान समारोह आयोजित करने की बजट में घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पशुपालन के क्षेत्र में नवाचार कर पशुधन उत्पादन के नए आयाम स्थापित करने वाले प्रगतिशील पशुपालकों का चयन कर हर वर्ष सम्मानित किया जाएगा, जिससे प्रदेश के अन्य पशुपालक भी प्रेरित हों और पशुधन विकास में अहम भागीदारी निभा सकें।
राज्य स्तर पर बीकानेर जिले के सुरेन्द्र कुमार एवं सीकर जिले के पशुपालक सुभाष चन्द को शासन सचिवालय के कॉन्फ्रेन्स हॉल में पशुपालन मंत्री श्री लालचन्द कटारिया द्वारा प्रशस्ति पत्र तथा 50-50 हजार रुपए की राशि पारितोषिक स्वरूप प्रदान कर सम्मानित किया गया है। जिला स्तर पर संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर ने पशुपालकों को सम्मानित किया। राज्य स्तरीय पशुपालक सम्मान समारोह में प्रदेश के 405 पशुपालकों को 51.50 लाख रुपए की राशि प्रदान की गई। इस वर्चुअली समारोह में विभिन्न जिलों से जुड़े पशुपालकों ने भी संवाद किया। इस अवसर पर शासन उप सचिव श्रीमती कश्मी कौर सहित विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे। समस्त जिला मुख्यालयों से जिला कलक्टर एवं सम्मानित होने वाले स्थानीय पशुपालक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

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