जयपुर। राजस्थान में आए तेज अंधड़ और तूफान से मरने वालों की संख्या 41 पहुंच गई है। वहीं अंधड़ की तबाही और भयावहता अब दिखाई देने लगी है। चारों तरफ गांवों व कस्बों में तबाही के मंजर दिखाई दे रहे हैं। खेतों व बागों में पशु-पक्षियों की लाशें बिखरी हुई हैं तो कच्चे-अध-पक्के मकान टूटे हुए दिखाई दे रहे हैं। धौलपुर व भरतपुर के प्रभावित गांवों में बिजली के पोल, ट्रांसफार्मर और पेड़ गिरे हुए हैं। वाहन भी टूटे हुए हैं। अंधड़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आज मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी प्रभावित जिलों के दौरे पर निकली है। वह नुकसान को तो देख रही है, साथ ही राहत कार्यों व बचाव कार्यों का भी जायजा ले रही है। गौरतलब है कि बुधवार रात को आए अंधड़ व बवंडर के चलते अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली समेत अन्य जिलों में करोड़ों अरबों रुपए की सम्पत्ति को नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि सरकार ने राहत कार्य शुरु कर दिए हैं।
मृतकों के आश्रितों को चार लाख देने की घोषणा की गई, वहीं घायलों और नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने पैकेज दिया है। हालांकि बिजली-पानी की आपूर्ति ठप पड़ी होने से लोगों के सामने पानी का संकट खड़ा हो गया है। सबसे ज्यादा परेशानी पशुओं को लेकर है। उनके लिए पानी का संकट खड़ा हो गया है। अंधड़ से मरने वालों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। 41 मौतें अब तक हो चुकी है। अस्पतालों में सैकड़ों लोग घायल है, जिनका इलाज चल रहा है। ऐसे में मौतों का आंकड़ा ओर बढ़ सकता है। सर्वाधिक मौतें और नुकसान भरतपुर में हुई है। यहां 19 लोगों की मौत हो चुकी है। अंधड़ व तूफान में कच्चे व पक्के मकान क्षतिग्रस्त हो गए। खुले आकाश में लोग दिन व रात बिताने को मजबूर है। धौलपुर में ग्यारह तो अलवर में दस जनों की मौत हो गई है। एक बीकानेर जिले में मरा है। ढाई सौ से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालात गंभीर है।