जयपुर। राजस्थान में मानवीय रिश्तों के साथ अंधविश्वास की एक बड़ी घटना सामने आई है। राजस्थान के सवाई माधोपुर में बेटी की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया, बल्कि अंधविश्वास में डूबकर मरी बेटी को जिंदा करने के लिए तांत्रिकों के झांसे में माता-पिता आ गए। 45 दिन तक तांत्रिक झाड-फूंक करते रहे, लेकिन वह तो जिंदा नहीं हुई। उस मृत शरीर से बदबू आने लगी तो आस-पास के लोगों की नींद टूटी। बदबू के आधार पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो सूखी लाश फर्श पर पड़ी थी और उसके चारों तरफ तंत्र-मंत्र की सामग्री और अगरबत्ती का धुआं उड़ रहा था। यह देख पुलिस टीम भी चकरा गई।
फिर लाश को कब्जे में लेकर उसे अस्पताल पहुंचाया और माता-पिता को गंगापुर सिटी थाने लेकर आए। उनके बयानों से सामने आया है कि वे अपनी बेटी अनिता सिंह से काफी लगाव रखते थे। उसकी मौत के सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और तंत्र मंत्र के सहारे उसे जिंदा करने के प्रयत्न में लग गए। गंगापुर सिटी थानाधिकारी दीपक ओझा के मुताबिक, तारासिंह और उसकी पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रहे हैं। कुछ तांत्रिकों से भी पूछताछ की गई है। यह पता लगवा रहे हैं कि अनिता सिंह की मौत प्राकृतिक तौर पर हुई है या अन्य कोई कारण से। इसके लिए पोस्टमार्टम करवाया गया है। रिपोर्ट के बाद ही कुछ पता लग पाएगा। उधर, जैसे ही लोगों को इस घटना का पता चला तो हर कोई अचरज करने लगा। कोई माता-पिता के अंधविश्वास को कोस रहा था तो कोई झांसेबाज तांत्रिकों को दोषी ठहरा रहा था, जिसके कहने पर माता-पिता अपने जिगर के टुकड़े को 45 दिन तक बंद कमरे में तंत्र-मंत्र से जिंदा करवाने में लगे रहे।