जयपुर। आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी ने रोडवेज के पूर्व कार्यकारी प्रबंधक भगवान सिंह चौधरी के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। एसीबी ने जांच में माना है कि चौधरी ने अपनी आय से 479.89 प्रतिशत अधिक संपत्ति भ्रष्ट आचरण से अर्जित की है। कोर्ट ने भगवानसिंह चौधरी को 18 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए। बाद में चौधरी की जमानत अर्जी पेश की गई, जिस पर जज बलजीत सिंह 9 जुलाई को फैसला सुनायेंगे।
इस मामले में भगवानसिंह चौधरी की पत्नी सुशीला चौधरी को भी एसीबी ने मिलीभगत, षड्यंत्र एवं दुष्प्रेरण का दोषी मानते हुए चालान पेश किया है। सुशीला के वकील ने 18 जुलाई को कोर्ट में हाजिर होने की अण्डरटेकिंग दी है। इस संबंध में एसीबी की इंटेलीजेन्स शाखा के तत्कालीन निरीक्षक जवाहरलाल जोशी की ओर से 14 सितम्बर, 2005 को दर्ज कराये मुकदमें का 13 साल तक कई निरीक्षकों ने अनुसंधान किया। जांच में एसीबी ने माना कि भगवानसिंह चौधरी ने भ्रष्ट आचरण एवं अवैध तरीकों से अपनी आय से 13413530 रुपए अधिक की आय अर्जित की है।
एसीबी ने चौधरी एवं परिजनों की चल अचल सम्पति 16208665 रुपए की आंकी है, जबकि वैध स्रोतों से भगवान सिंह चौधरी की आय 2795135 रुपए की होती है। तलाशी के समय एसीबी ने चौधरी के पास 10 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति बताई थी।