जयपुर। शोध छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप राशि को शोध शिक्षक व प्रोफेसर खाने में लगे हुए है। नियमों के मुताबिक पूरी राशि शोध छात्रों को मिलनी चाहिए, लेकिन शिक्षक थीसीस पर तभी साइन करते है, जब स्कॉलरशिप राशि में से आधी रकम तक इन्हें दी जाए। अजमेर की महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पीजी डिपार्टमेंट के डीन प्रोफेसर सतीश अग्रवाल शोधार्थी छात्रा से पचास हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरे गए हैं। एसीबी ने इन्हें नागौर निवासी छात्रा से यह राशि लेते हुए पकड़ा है। करीब डेढ़ लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। पहली किश्त में ही अग्रवाल धरे गए। एसीबी ने उनके घर की तलाशी ली है, जहां पर दो करोड़ की एफडीआर मिली है। साथ ही अजमेर व जयपुर में दो मकानों के दस्तावेज भी मिले है। बैंक लॉकर्स की पडताल बाकी है। इससे पहले भी कई प्रोफेसर स्कॉलरशिप राशि में हिस्सा लेते हुए पकड़े जा चुके हैं। कुछ शोधार्थी छात्राओं ने शिक्षकों पर शोध के बदले अस्मत मांगने की शिकायत पुलिस को की है। जिसमें कुछ शिक्षक अरेस्ट भी हुए थे।