नई दिल्ली। कालेधन को बाहर करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घोषणा के बाद भी 500 और 1000 के नोटों को सहेजकर रखने वाले सावधान हो जाए। बैंक खातों में 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कराने की मियाद 30 दिसंबर की समय सीमा जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। कालेधन को लेकर सरकार का रुख उसी के अनुरुप कड़ा होता जा रहा है। 30 दिसंबर के बाद इन नोटों के किसी के पास पाए जाने की स्थिति में सरकार उन लोगों पर भारी जुर्माना लगाने की तैयारी में जुट गई है। इस संबंध में सरकार एक अध्यादेश ला सकती है। यद्दपि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। फिर भी जानकारों का कहना है कि बुधवार को कैबिनेट के दौरान इसे रखा जा सकता है। अध्यादेश के माध्यम से सरकार व आरबीआई इन नोटों के धारकों को उनके नोट का मूल्य देने का वादा करने वाली देनदारी को भी समाप्त कर सकती है। गौरतलब है कि पूर्व में भी 1978 में भी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सरकार ने 1000, 5000 व 10,000 का नोट बंद कर दिए थे। साथ ही सरकार की देनदारी को समाप्त करने के लिए अध्यादेश लाया गया था।
जानकारों का कहना है कि 30 दिसंबर की अवधि के बाद पुराने नोट रखने की सीमा 10 हजार है। इसके उपरांत भी इस नियम का उल्लंघन हुआ तो उस पर 50 हजार रुपए अधिकतम या जितनी राशि मिलेगी उसका पांच गुना जुर्माना जो भी अधिक हो लगाया जा सकता है। जुर्माने के इस प्रावधान के मामले में आधिकारिक तौर पर अभी पुष्टि नहीं की गई है। जानकारों का कहना कि रिजर्व बैंक में 31 मार्च तक ऐसे नोट रखने वाले लोग उन्हें जमा करा सकते हैं। यद्दपि इस अवधि में परिवर्तन भी किया जा सकता है।

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