Special Public Prosecutor

जयपुर। पुराना परिचय व आपसी जान-पहचान होने के कारण निजी कार्य के लिए ढाई लाख रुपए उधार ले कर भुगतान पेटे 31 मार्च, 2०11 को बैंक आॅफ बड़ौदा, शाखा पावर हॉउस, जयपुर का फर्जी चेक देने के मामले में विशिष्ट महानगर मजिस्ट्रेट (एन आई एक्ट कैसेस) क्रम-13 में जज निधि शर्मा ने अभियुक्त रजनीश गौड निवासी जेडीए कॉलोनी, पालड़ी मीणा, आगरा रोड, जयपुर को पराक्रम्य लिखित अधिनियम की धारा-138 के अंतर्गत 6 माह की जेल तथा 3,85,000 रुपए के जुमार्ने की सजा से दण्डित किया है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि आजकल चेक अनादरण के मामलों की संख्या में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है एवं कोर्टो में इस प्रकृति के अपराधों की बाढ़ सी आ रही है। इसके अतिरिक्त इस प्रकृति का अपराध आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। इस कारण राज्य सरकार को विवश होकर विशिष्ट न्यायालय खोलनी पड़े। ऐसे मामलों में परिवीक्षा का लाभ देने से ना केवल इस प्रकार के अपराधों की संख्या में वृद्धि होगी बल्कि इससे समाज में एक विपरीत संदेश जाने की संभावना है।

साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त की ओर से ट्रायल के दौरान अदालत में पेश किये गये ढाई लाख रुपये के डीडी/ बैंकर चेक को उपरोक्त प्रतिकर राशि में समायोजित करने के भी आदेश दिए है। मामले के अनुसार परिवादी दिग्विजय पंडया निवासी निर्माण नगर, किंग्स रोड, जयपुर ने 25 जून, 2०11 को कोर्ट में परिवाद पेश कर बताया था कि उपरोक्त चेक 4 मई, 2०11 को बैंक से ओपनिग बैंलेन्स इनसफिसियेन्ट के रिमार्क के साथ अनादरित हो गया था। लीगल नोटिस भिजवाने एवं कोर्ट में मुकदमा दायर करने के बाद भी राशि नहीं लौटाई गई। अभियुक्त का कहना था कि कोई उधार राशि नहीं ली और ना ही परिवादी को चेक दिया। साझेदारी का विवाद है। चेक हरिश स्वामी को इनकम टैक्स के पेटे दिया गया था।

LEAVE A REPLY