जयपुर। हत्या के 29 साल पूर्व के मामलें में राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश के एस अहलुवालिया और न्यायाधीश जी आर मूलचंदानी की खंडपीठ ने चार आरोपियों रंगलाल, लेखमा, बन्ना और परसा को 1991 में मिली उम्रकैद की सजा को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा है कि अभियोजन पक्ष मामले को पूरी तरह साबित नहीं कर पाया है। जिसका लाभ मुल्जिमों को मिलना चाहिए। ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द किए जाने योग्य है।
प्रकरण के अनुसार रंजीत सिंह ने अजमेर के मदनगंज थाने में 4 मार्च, 1988 को माधव नामक व्यक्ति की हत्या को लेकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया। बाद ट्रायल कोर्ट ने 1991 में सात आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले ही आरोपी बलदेव, सहदेव और श्योजी इस दूनिया से चल बसें।