sadak durghatana

जयपुर। दिल्ली रोड पर शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर 5 जुलाई, 2015 को हुई सड़क दुर्घटना में कार चालक की मृत्यु होने के मामले में एमए सिटी कोर्ट-एक जयपुर महानगर में जज राजेन्द्र कुमार ने मृतक के वारिसान को 72 लाख, 51 हजार 680 रुपए का मुआवजा तथा उपरोक्त राशि पर 17 अगस्त 2015 से अदायगी तक 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में रमेश मार्ग-सी स्कीम निवासी मृतक विभोर नाग की पत्नी पारुल नाग, पुत्र पवित नाग, मां कल्पना नाग ने ट्रेलर चालक महेन्द्र मीणा, वाहन मालिक मालीराम जाट एवं दी ओरियन्टल इंश्योरेन्स कम्पनी के खिलाफ क्लेम याचिका पेश की थी।

कोर्ट ने आदेश में कहा है कि क्षतिपूर्ति की राशि की अदायगी की जिम्मेदारी उपरोक्त तीनों विपक्षियों की संयुक्त व पृथक-पृथक रूप से होगी। प्रार्थी की ओर से एडवोकेट नरेन्द्र नाथ तिवाड़ी ने कोर्ट को बताया कि विभोर नाग, पत्नी पारुल व बच्चे पवित के साथ 5 जुलाई 2012 को अजमेर से नोयडा कार से जा रहे थे। टोल प्लाजा शाहजहांपुर पर टोल कटवाने के लिए कार खड़ी थी। तभी पीछे से तेज गति व लापरवाहीपूर्वक चलाकर लाए गए ट्रेलर को डिवाइडर के टक्कर मारता हुआ आगे निकला, जिससे ट्रेलर में भरी हुई धान की बोरियां कार के ऊपर गिरने से विभोर गंभीर रूप से घायल हो गया। हॉस्पिटल ले जाते समय विभोर की मृत्यु हो गई और कार पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। पुलिस ने दुर्घटना के लिए चालक को दोषी मानकर अदालत में चालान पेश किया।

क्लेम याचिका में यह भी कहना था कि 36 वर्षीय विभोर नाग लिक्विड ईलनिह्मग सर्विस कंपनी नोयडा में डीजीएम प्रोडेक्ट इंजीनियरिंग एंड कस्टमर फोकस के पद पर कार्यरत था। उसकी 12,37,093 रुपए वार्षिक आय बताई गई। नियोजक को साक्ष्य में पेश नहीं करने पर कोर्ट ने वाहन, विशेष भत्ता व चिकित्सा भत्ते की राशि को वेतन का भाग नहीं माना। कोर्ट ने उसकी 103091 रुपए की मासिक आय की बजाय 47510 रुपए मानते हुए उपरोक्त मुआवजा देने के आदेश दिए।

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