-आरसीसी-ईआरसीसी के 1840 करोड़ रु. के 130 ठेको की सफल नीलामी
-जनप्रहरी एक्सप्रेस
जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया है कि माइंस विभाग द्वारा अप्रधान खनिजों (माइनर मिनरल) के नीलामी हेतु इस साल अब तक 609.66 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 95 प्लॉट तैयार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही 197.17 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 116 प्लॉटों की सफल नीलामी की जा चुकी है। उन्होंने फील्ड के भूविज्ञानियों और माइनिंग इंजीनियरों से परस्पर समन्वय बनाते हुए सभी संभावित बिन्दुओं का अध्ययन कर ऑक्शन के लिए नए प्लॉट तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि माइनिंग प्लाटों की सफल नीलामी के साथ ही प्रतिस्पर्धात्मक राजस्व प्राप्त हो सके। एसीएस माइंस डॉ.सुबोध अग्रवाल बुधवार को सचिवालय में माइंस विभाग के अधिकारियों से वीसी के माध्यम से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर प्रभावी रोक के लिए वैध खनन को बढ़ावा देना होगा और इसके लिए अधिक से अधिक प्लॉट तैयार करने के साथ ही नीलामी प्रक्रिया में तेजी लानी होगी। माइनर मेजर के इन ब्लॉकों में सर्वाधिक 46 भरतपुर, 25 भीलवाड़ा, 9 राजसमंद, 5-5 उदयपुर व बीकानेर, 3 जोधपुर और 2 जयपुर में तैयार किए गए हैं। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि माइंस विभाग की खनन पट्टों की नीलामी अब प्रीमियम दरों पर होने लगी है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के 193 आरसीसी ईआरसीसी ठेकों में से 130 ठेकों की सफल नीलामी हो चुकी है और इनसे 1840 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व प्राप्त होगा वहीं शेष रहे 53 ठेकों की प्राथमिकता से नीलामी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीलामी प्रक्रिया में स्थानीय व नए लोगों को जोड़ने के प्रयास किए जाएं ताकि अधिक राजस्व प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर पिछले दो माह से अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ चल रहे राज्यव्यापी अभियान की चर्चा करते हुए डॉ. अग्रवाल ने बताया कि यह पहला अवसर है जब माइंस, पुलिस, वन, स्थानीय प्रशासन द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है और दो माह में ही 405 गिरफ्तारी के साथ ही 699 एफआइआर दर्ज हो चुकी है। अभियान के दौरान बड़े वाहनों व मशीनरी को जब्त करने पर भी जोर दिया गया और 68 बड़ी मशीने जब्त करने के साथ ही 1970 वाहन जब्त किया गया है। करीब साढ़े दस करोड़ रुपए जुर्माने के रुप में वसूले जा चुके हैं। डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विधान सभा के बकाया प्रश्नों, आश्वासनों का जबाव शीघ्र भेजने के साथ ही न्यायालयों में विचाराधीन दावों के जबाव दावे तत्काल प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रकरणों में राज्य सरकार के पक्ष को प्रभावी तरीके से रखा जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री, खान मंत्री, वीवीआईपी प्रकरणों, संपर्क पोर्टल प्रकरणों सहित प्राप्त ग्रिवेंसेज का प्राथमिकता से निस्तारण करें। उप सचिव माइंस नीतू बारुपाल ने गतिविधियों व उपलब्धियों की जानकारी दी। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, एसजी संजय दुबे, ओएसडी सतीश आर्य ने हिस्सा लिया। वीसी से मुख्यालय उदयपुर, सभी वृत कार्यालयों के साथ ही एमई-एएमई स्तर के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।