नई दिल्ली। दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल अनिल बैंजल के बीच टकराव एक बार फिर जगजाहिर होने वाला है। इस बार यह रार विज्ञापन राशि को लेकर सामने आई है। जहां उप राज्यपाल ने सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश देकर आम आदमी पार्टी से विज्ञापन मद के 95 करोड़ रुपए की वसूली को कहा है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने विज्ञापनों के मामले में पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। इस मामले में भी उप राज्यपाल ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। गत वर्ष ही मई माह में कांगे्रेस पार्टी की ओर से आरोप लगाए गए कि आप सरकार ने तीन माह के भीतर ही 100 करोड़ रुपए की राशि विज्ञापनों पर खर्च कर दी। इस मामले में कांगे्रस ने आरटीआई का हवाला दिया और कहा कि केजरीवाल सरकार इस राशि का उपयोग आमजन के हित में कर सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बाद में कांग्रेसी नेता अजय माकन ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के समक्ष एक शिकायत भी दी। इसी तरह कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दिल्ली की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना कर करोड़ों रुपयों के विज्ञापन जारी कर दिए। जो अन्य राज्यों में भी खर्च हुए। इन विज्ञापनों में सीएम केजरीवाल का चित्र भी था। यह रिपोर्ट 10 मार्च को पेश की गई। रिपोर्ट में सरकार के कई विभागों के कामकाज के तरीकों पर प्रश्न उठाए गए। जिसमें कई विभागों ने नियमों स्पष्ट तौर पर खुला उल्लंघन कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया। ऐसे में अब उप राज्यपाल अनिल बैंजल ने सरकार के मुख्य सचिव को स्पष्ट निर्देश जारी कर इस राशि की वसूली आम आदमी पार्टी से करने के निर्देश दिए हैं। जिससे अब सीएम और एलजी के बीच खिंचतान एक बार फिर नए सिरे से सामने आ सकती है। इससे पहले 9 मार्च को भी दोनों के बीच पहली बार टकराव सामने आया। जब पूर्व सैनिक रामकिशन ग्रेवाल के परिजनों को सीएम केजरीवाल ने एक करोड़ की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रस्ताव बैंजल को भेजा। जिसे बैंजल ने लौटा दिया था।
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