नई दिल्ली। केरल के तिरुवनंतपुरम में 23 साल की एक लॉ स्टूडेंट ने नारी जाति को अपमानित करने के मामले में एक साधु को ऐसा सबक सिखाया कि इस मंजर को वेा ताउम्र याद ही रखेगा। इस लॉ स्टूडेंट ने 54 वर्षीय साधु को उसकी दरिंदगी का सबक सिखाते हुए धारदार हथियार से उसका प्राइवेट पार्ट ही काट डाला। इस घटना के पीछे की वजह यह रही कि साधु उस छात्रा का पिछले 8 वर्षों से लगातार यौन शोषण करता आ रहा था। इस मामले में महिला थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है। आरोपी साधु स्वामी गंगेशानंद कोल्लम के पनमाना आश्रम का सदस्य है। इस आश्रम की स्थापना समाज सुधारक छतम्बी स्वामिकल ने की थी। साधु गंगेशानंद आश्रम में पढऩे के लिए आया था। उसकी शिक्षा 15 साल पहले ही पूरी हो गई थी और उसने आश्रम छोड़ भी दिया था। पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार पीडि़त लॉ छात्रा ने बताया कि उसके पिता पिछले लंबे समय से पैरालाइसिस की बीमारी से ग्रस्त हैं। जब वह 15 साल की थी, उस दरम्यान साधु गंगेशानंद ने उसके साथ पहली बार दुष्कर्म किया। इसके बाद तो वह उससे लगातार यह कुकृत्य करता आ रहा था। आरोपी गंगेशानंद ने उसकी मां के साथ भी यौन शोषण किया। शुक्रवार को ही उसने छात्रा के साथ एक बार फिर दुष्कर्म करने का प्रयास किया। साधु गंगेशानंद के अत्याचारों से तंग आई छात्रा ने इस अपमान का बदला लेने की ठान ली और एक धारदार हथियार से स्वामी के प्राइवेट पार्ट को काट डाला। इधर छात्रा के हमले से लहुलुहान गंगेशानंद घायल अवस्था में अस्पताल की ओर भागा। हालांकि चिकित्सकों ने उसकी सर्जरी तो कर दिया, लेकिन हमले के दौरान उसका प्राइवेट पार्ट 90 फीसदी तक कट गया। वह इस अवस्था में नहीं बच सका कि उसे वापस जोड़ा जा सके। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने गंगेशानंद के खिलाफ आईपीसी 376 और पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया। इधर केरल के राज्य महिला आयोग को इस प्रकरण की सूचना मिली तो उसने छात्रा के इस साहस पर गर्व जताया। आयोग सदस्या प्रमिला देवी ने बताया कि छात्रा पर हमें गर्व है। छात्रा समाज के लिए एक रोल मॉडल है। इधर पुलिस ने छात्रा की मां को भी हिरासत में ले लिया। उस पर आरोप है कि छात्रा के साथ ज्यादती की खबर उसकी मां को थी, लेकिन उसने मामले से पुलिस को सूचित तक नहीं किया।
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