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जयपुर/झालावाड़। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य तथा पोषण स्तर को बेहतर बनाने के लिए झालावाड़ और बारां जिले में अंतरा फाउंडेशन के सहयोग से चलाए जा रहे ’अक्षदा’ कार्यक्रम के तहत डिजीटल प्लेटफार्म पर परिवारों का हैल्थ सर्वे किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी तथा एएनएम (ट्रिपल-ए) के मिलकर काम करने से प्रसूताओं और बच्चों में कुपोषण की पहचान, इलाज तथा निगरानी जैसे कार्य आसानी से हो पा रहे हैं। इससे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सूचकांकों में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
राजे गुरुवार को झालावाड़ डाक बंगले में अंतरा फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के साथ ’अक्षदा’ कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि फील्ड में काम करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी तथा एएनएम के पास सूचनाओं का वो स्रोत है जिसका विश्लेषण कर उसका उपयोग प्रदेश भर में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर तरीके से पहंुचाने में किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रचना बैरागी ने बताया कि वे गांव-गांव जाकर अपने टेबलेट के जरिए ‘एम-खुशहाली‘ मोबाइल एप पर गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, बाल कुपोषण, नामांकन आदि की सूचनाएं एकत्र करती हैं। इन सूचनाओं को ट्रिपल-ए प्लेटफाॅर्म पर आपस में साझा किया जा सकता है। इसी एप के माध्यम से ऐसी महिलाओं एवं बच्चों की पहचान हो जाती है जिन्हें किसी विशेष उपचार या टीके की आवश्यकता है। अक्षरा फाउंडेशन के संस्थापक निदेशक श्री अशोक अलेक्जेंडर ने फाउंडेशन द्वारा तैयार किए गए डिजिटल मैप का डेमो दिया।
इस दौरान झालावाड़ के प्रभारी मंत्री यूनुस खान, सांसद दुष्यंत सिंह, जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र सोनी तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों सहित फाउंडेशन के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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