नई दिल्ली। जेवर में गैंगरेप का शिकार हुई पीडि़ता न्याय नहीं मिलने से अब पूरी तरह मानसिक रुप से पीडि़त हो चुकी है। तभी तो एक पीडि़ता ने मामले में कार्रवाई नहीं होते देख आत्महत्या करने का प्रयास किया। गनीमत यह रही जिस दौरान यह पीडि़ता मौत को गले लगाने के लिए फांसी के फंदे पर झूलने जा रही थी, उसी दौरान एक युवती ने उसे देख लिया और हल्ला मचा दिया। जिससे मौके पर पहुंचे परिजनों ने उसे फंदे से उतार अनहोनी को टाल दिया। पीडि़त परिवार ने आरोप लगाया कि घटना के 12 दिन बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर ही है। घटना हुई है और पुलिस कह रही है कि रेप की पुष्टि नहीं हुई। जिससे पीडि़ता पूरी तरह प्रताडि़त हो चुकी है। परिजनों ने बताया कि कस्बे के मोहल्ला चौथ्य्या पटटी निवासी गैंगरेप का शिकार हुई पीडि़ता ने रविवार की दोपहर करीब एक बजे दुपट्टे के सहारे फंदा लगाकर पंखें से लटकने का प्रयास किया। इस दौरान पीडि़ता ने दरवाजा बंद कर लिया, लेकिन परिवार की ही एक युवती ने खिड़की से उसे देख लिया। माजरा भांपकर उसने हल्ला मचा दिया। युवती की चिल्लाहट सुनकर परिजन दौड़े और उसे समय रहते बचा लिया। इधर सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। परिजनों का कहना था कि आरोपियों के पुलिस के पकड़ से बाहर होने के कारण पीडि़ता मानसिक रुप से परेशान हो चुकी है। हालांकि प्रारभिंक रुप से हुई जांच के दौरान रेप की पुष्टि नहीं हो पाई। गौरतलब है कि 24 मई की रात जेवर के बुलंदशहर स्थित स्टेट हाइवे पर कुछ बदमाशों ने कार सवार एक परिवार को बंधक बनाकर लूट लिया था। इस दौरान कार में सवार महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना भी सामने आई थी। इस मामले में पुलिस ने अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की है।

-मानसिक रुप से टूट चुकी है पीडि़ता
पीडि़त परिवार ने बताया कि घटना के बाद से ही पीडि़त महिला मानसिक रुप से पूरी तरह टूट चुकी है। घटना के दौरान बदमाशों की पिटाई से शरीर पर पड़े जख्म अभी भरे नहीं है। वारदात के बाद से ही वह भयभीत है। रात को अचानक उठकर बैठ जाना, चीखने लगती है तो नींद नहीं आना सरीखी स्थिति से जूझ रही है। अब तो उसकी स्थिति को देखकर पति ने भी काम पर जाना छोड़ दिया है। जिससे परिवार के सामने आर्थिक संकट गहराने लगा है।

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