जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने पाली की ज्वलंत प्रदूषण समस्या के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर दो माह से बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों के करीब पचास हजार श्रमिकों के बेरोजगार होने तथा पाली से पलायन करने के लिए मजबूर होने पर चिंता व्यक्त करते हुए इस स्थिति के लिए भाजपा सरकार की ढुलमुल नीतियों को जिम्मेदार बताया है। पायलट ने कहा कि पाली जिले से एक केन्द्रीय मंत्री और तीन राज्य स्तरीय मंत्री होने के बावजूद प्रदूषण समस्या का स्थायी समाधान ना होना भाजपा सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव को प्रदर्शित करता है। भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने प्रदूषण समस्या का स्थायी समाधान का कोई प्रयास नहीं किया। राजस्थान प्रदूषण बोर्ड की वर्तमान व्यवस्था को विफल बताते हुए कहा कि जीरो डिस्चार्ज प्रदूषण मुक्त के लिए जेड.एल.डी. प्लांट ही एकमात्र विकल्प है लेकिन इसके अस्तित्व में आने तक किसानों की मांगों के अनुरूप वैकल्पिक समाधान कर औद्योगिक इकाइयों को पुन: शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पाली में बैठे सरकार के नुमाइंदों, जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों एवं सरकारी अधिकारियों की अदूरदर्शिता के अभाव से पाली पर यह संकट आया है। आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली कपड़ा नगरी पाली की औद्योगिक इकाइयां पिछले 60 दिनों से ठप्प पड़ी है। प्रदूषण जैसी विकराल समस्या के स्थाई समाधान हेतु सरकार की स्पष्ट नीति के अभाव में किसान वर्ग के साथ उद्यमी, व्यापारी वर्ग एवं मजदूर वर्ग सभी परेशान है। प्रदूषण पाली की प्रमुख समस्या है तथा इसके स्थायी समाधान के लिये सभी राजनैतिक दलों के नेताओं को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर स्थायी समाधान जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा इस हेतु कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए तो कांग्रेस जनहित में आगामी दिनों में एक बड़ा आन्दोलन करेगी।