दिल्ली। देश में नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था 01 जुलाई, 2017 से प्रभावी होने जा रही है, जिसके तहत जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद आपूर्ति पर जीएसटी दरों के निर्धारण की संयुक्त जिम्मेदारी केंद्र एवं राज्य सरकारों पर होगी।
ज्यादातर वस्तुओं पर जीएसटी परिषद द्वारा स्वीकृत टैक्स दरें केंद्र एवं राज्यों की वर्तमान संयुक्त अप्रत्यक्ष कर दरों (केंद्रीय उत्पाद शुल्क दरों/सन्निहित केंद्रीय उत्पाद शुल्क दरों/क्लीयरेन्स उपरांत सन्निहित सेवा कर, वैट दरों अथवा भारांक औसत वैट दरों, उत्पाद शुल्क पर वैट की वसूली, सीएसटी, चुंगी, प्रवेश कर इत्यादि की वजह से कर देनदारी) की तुलना में काफी कम हैं।