जयपुर। आम आदमी पार्टी नेता डॉ कुमार विश्वास ने रविवार को राजस्थान के संभावित पर्यवेक्षकों की बैठक बुलाई। इस बैठक में दिल्ली और आस-पास के लगभग तीन सौ कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। कुमार विश्वास ने लगभग 1 घंटे तक कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने सम्बोधन में उन्होंने कार्यकर्ताओं का आवाहन किया वो पूरे जोरो-शोरों से 2018 में होनेवाले राजस्थान विधान सभा चुनावों के लिए अभी से कमर कस लें। उन्होंने यह सूचना भी दी कि आगामी 25 जून को जयपुर में कार्यकर्ताओं की पहली बैठक की जायेगी।
लगभग एक महीने पहले कुमार विश्वास को पार्टी द्वारा राजस्थान का प्रभार सौंपा गया था, जिसके बाद से वो लगातार राजस्थान के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों के संपर्क में हैं। इस सिलसिले में गत 10 जून को दिल्ली स्थित पार्टी कार्यालय में उन्होंने राजस्थान के पार्टी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसके अलावा कुमार किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट और राजस्थान स्कूल शिक्षा परिवार के अध्यक्ष अनिल शर्मा से भी मिले थे। पिछली बैठक में की गयी घोषणाओं को दोहराने के साथ-साथ कुमार ने कुछ नयी घोषणाएं भी कीं। उन्होंने बताया कि विधानसभा के पर्यवेक्षकों की सूची जल्द जारी की जायेगी पर कुमार स्वयं भी एक विधानसभा के पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करेंगे। कुमार ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं से भावुक अपील की कि वो आगामी राजस्थान चुनाव में बढ़चढ़कर हिस्सा लें। भाजपा और कांग्रेस पर बराबर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों की सरकारों ने बारी बारी से राजस्थान को लूटा है। इस शोषण और दमन चक्र से राजस्थान को बाहर लाने के लिए आम आदमी पार्टी कड़ी मेहनत करेगी और सरकार बनाएगी। कुमार ने बार बार जोर दिया कि पार्टी राजस्थान में ‘बैक टू बेसिक’ सिद्धांत पर काम करेगी और पार्टी के मूल विचारों की तरफ लौटेगी।
पिछले दिनों के पोस्टर विवाद की तरफ इशारा करते हुए कुमार ने कहा कि कई आत्मप्रवंचित बौने इस मॉडल का विरोध करेंगे और कई तरह के षड्यंत्रों को बढ़ावा देने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन कार्यकर्त्ता इससे विचलित न हों।
कार्यकर्ताओं में इस बैठक के दौरान उत्साह देखा गया और ‘बैक टू बेसिक’ मॉडल पर सर्वसम्मति दिखाई दी। कुमार ने राजस्थान चुनाव को पार्टी के लिए महत्वपूतन बताते हुए यह आवाहन किया कि 25 जून को प्रस्तावित कार्यकर्त्ता सम्मेलन में ज्यादा से ज्यादा कार्यकर्त्ता सम्मिलित हों और राजस्थान कि सभी विधानसभाओं के कार्यकर्त्ता इसमें सम्मिलित हों। इस प्रस्तावित कार्यकर्त्ता सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं और साथ ही बड़ी घोषणाओं की जा सकती हैं। लिहाज़ा, मीडिया और विपक्षी पार्टियों की नज़र 25 जून के कार्यकर्त्ता सम्मेलन पर टिकी रहेगी।

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