जयपुर. राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं जयपुर षहर जिलाध्यक्ष प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार एनकाउंटर के बाद सीबीआई जांच होना एक कानूनी प्रक्रिया है लेकिन यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य की भाजपा सरकार ने आनन्दपाल का फर्जी एनकाउंटर कराया, उस फर्जी एनकाउंटर की जांच से बचने के लिये भाजपा सरकार ने जोधपुर हाईकोर्ट में केवीएट लगाई, जिससे कोर्ट से आनन्दपाल के परिजन सीबीआई जांच की मांग करे तो राज्य सरकार उसको रोकने के लिये कोर्ट में उपस्थित हो सके। हाईकोर्ट में केवीएट लगाने से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार की दाल में कुछ काला है और अब सरकार गोलियां चलाकर आंदोलन को कुचलना चाहती है। लोकतंत्र के नियमों के अनुसार गांधीवादी तरीके से धरने, प्रदर्षन करना, नारेबाजी करना प्रदेष की जनता का संवैधानिक अधिकार है और इस अधिकार से यदि वंचित किया जायेगा तो हम चुप नहीं रहेगें।
आनन्दपाल एनकाउन्टर प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे उनके परिजनों और सर्वसमाज संघर्ष समिति के लोगों द्वारा 12 जुलाई को जो श्रृद्धांजलि सभा आयोजित की गई, उस श्रृद्धांजलि सभा में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग और फायरिंग के बाद एक व्यक्ति लालचंद षर्मा की मौत और दो व्यक्तियों के गोली लगने से घायल होने के लिये राज्य की भाजपा सरकार और पुलिस प्रषासन जिम्मेदार है। सरकार यह भलीभांति जानती थी कि सांवराद गांव में लाखों लोग श्रृद्धांजलि सभा में जुटेगें, इसके बावजूद राज्य की भाजपा सरकार ने समस्या का समाधान करने की बजाय लोगों को भड़काने के लिये आग में घी डालने का काम किया। गृहमंत्री और सरकार ने जो गोली पुलिस ने चलाई, वो गोली आंदोलनकारियों द्वारा चलाई हुई बताई, इससे बड़ा सफेद झूठ कोई गृहमंत्री और सरकार बोल नहीं सकती। अब यह सच सामने आ गया है कि किसी भी पुलिस वाले को गोली नहीं लगी, पुलिस वालों पर किसी धारदार हथियार से हमला नहीं हुआ, पुलिस के जो चोटें आई वो पत्थर लगने से आई। इतनी बड़ी भीड़ द्वारा यदि पुलिस पर हमला किया जाता तो बहुत बड़ी संख्या में पुलिसवाले घायल हो सकते थे.
खाचरियावास ने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि अपनी एक गलती को छिपाने के लिये गोलियों के जरिये और माँओं की कोख उजाड़ने की कोषिष ना करे। महेन्द्र सिंह गोली लगने से गंभीर हालत में एसएमएस में अपना ईलाज करवा रहा है, लालचंद की मौत के लिये भाजपा सरकार जिम्मेदार है और सांवराद में जो लोग घायल हुये हैं और पुलिस के घायल होने के लिये भी भाजपा सरकार जिम्मेदार है। यदि सरकार समय रहते सही फैसला करती तो यह स्थिति नहीं बिगड़ती, किसी भी एनकाउंटर के बाद सीबीआई जांच मांगना परिजनों का और मरने वाले से सद्भावना रखने वाले लोगों का संवैधानिक अधिकार है।