जयपुर। गैंगस्टर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले की सीबीआई जांच के लिए सांवराद में 12 हुई सभा के दौरान हिंसा-उपद्रव के बाद से आंदोलनकारी राजपूत समाज के नेताओं, समाज और सरकार के बीच रिश्ते खराब हो गए हैं और मनमुटाव बढ़ गया है। 13 जुलाई को परिजनों की सहमति के बिना जिस तरह से आनन्दपाल के शव का दाह संस्कार कर दिया है, उससे भी राजपूत समाज काफी उद्वेलित है। आनन्दपाल की बेटियां, बेटे, मां व दूसरे परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस जबरन आनन्दपाल के शव को ले गए और दाह संस्कार कर दिया। हिंसा-उपद्रव को लेकर नागौर पुलिस ने कई राजपूत नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं और उनकी तलाश में दबिश दे रही है।

शनिवार को राजपूत सभा भवन में पुलिस के घुसने को लेकर भारी विवाद हुआ था। वहां सर्व समाज संघर्ष समिति की प्रेसवार्ता चल रही थी और सुखदेव सिंह समेत दूसरे राजपूत नेताओं के होने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी, जिस पर समाज के लोगों व नेता कड़ा एतराज जताया था। श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाडा ने कहा कि सरकार पुलिस के दम पर आनन्दपाल एनकाउंटर मामले को लेकर चल रहे आंदोलन को दबाना चाहती है। सांवराद में जो हिंसा हुई थी वो प्रायोजित थी और हुड़दंगी भी प्रायोजित। राजपूत समाज अनुशासित कौम है, वह लोकतंत्र में विश्वास करती है। उन्होंने चेताया कि सरकार समाज और आनन्दपाल के परिजनों की मांग को नहीं मान रही है, जो उसके लिए घातक साबित होगा। सीबीआई जांच से समाज पीछे नहीं हटेगा। इसके लिए राजपूत समाज बड़ा आंदोलन करेगा। सरकार चेत जाए और हमारी मांगे मान ले। जल्द ही सभी जिलों के पदाधिकारियों की बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। लोटवाडा ने कहा कि 22 जुलाई के जयपुर कूच को लेकर कहा कि अभी सभी से बात नहीं हुई है। जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

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  1. Its totally a preplaned game of govt. and whatever done by govt. & media is against demcracy, in its a big milestone to destroy democracy. This type of incidents give more births to became “Anandpal”.
    PM is also watching like a blind man just for politics benifits & its very dangerous for country because unemloyment is more

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