नई दिल्ली। राष्ट्रव्यापी दौरे पर पर निकली प्रतिष्ठित साइंस एक्सप्रेस प्रदर्शनी ट्रेन ने 1,53,000 किलोमीटर का सफर तय करते हुए सोमवार को नौवें चरणों की यात्रा पूरी कर ली। नौवें चरण की यात्रा पूरी कर सोमवार को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग पहुंची साइंस एक्सप्रेस प्रदर्शनी ट्रेन अब तक 495 स्थानों पर प्रदर्शनी कर चुकी है और 1.64 करोड़ से भी अधिक आगंतुकों से व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त की है। साइंस एक्सप्रेस सबसे लंबी, सबसे अधिक लंबे समय तक चलने वाली और सबसे अधिक देखी जाने वाली मोबाइल साइंस प्रदर्शनी बन गई है। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में इसकी बारह प्रविष्टियां दर्ज हैं।

साइंस एक्सप्रेस भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इस ट्रेन में 16 एसी डिब्बे लगे हैं और यह देशभर में अक्टूबर 2007 से भ्रमण कर रही है। एसईसीएएस जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित ट्रेन में लगी प्रदर्शनी में जलवायु परिवर्तन के बारे में संदेश दिया गया है। रोहा रेलवे स्टेशन पर 18 जुलाई को सार्वजनिक प्रदर्शनी के बाद यह ट्रेन 19 से 22 जुलाई तक मुंबई सीएसटी पर जनता के लिए उपलब्ध रहेगी और इसके बाद ट्रेन अपने यात्रा कार्यक्रम के अनुसार नौवें चरण की यात्रा के तहत अगले गंतव्य स्थलों के लिए आगे बढ़ जाएगी। साइंस एक्सप्रेस ने एक से चार चरण की यात्रा के दौरान दुनियाभर से लाई गई विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अत्याधुनिक अनुसंधानों का प्रदर्शन किया। पांच से सातवां चरण जैव-विविधता पर आधारित था, जिसे जैव विविधता विशेष (एसईबीएस) का नाम दिया गया था। इसमें भारत की समृद्ध जैव विविधता और उसके संरक्षण के उपायों का प्रदर्शन किया गया। आठवां चरण ‘साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल (एसईसीएएस) के रूप में रहा, जिसमें जलवायु परिवर्तन की वैश्विक चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया। साइंस एक्सप्रेस के नौवें चरण की यात्रा का शुभारंभ 17 फरवरी को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से किया गया था। एससीएसी का वर्तमान दौरा 17 फरवरी से 8 सितंबर, 2017 तक तय किया गया है, जिसके दौरान यह 19,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर देश के 68 स्टेशनों पर प्रदर्शनी करेगी।

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