जयपुर। राजस्थान के झुंझुनूं में 1984 में भ्रष्टाचार करके राशन का कपड़ा सप्लाई का लाईसेंस देने एवं मुम्बई से 3.15 लाख रुपए की 100 गांठे कपड़ा मंगवा कर दिल्ली में ही ब्लैक मार्केटिग करने के मामले में सीबीआई मामलों की अदालत ने झुंझुनूं के तत्कालीन जिला रसद अधिकारी ललिता प्रसाद माथुर निवासी जयपुर, क्लर्क फूल सिंह जाट निवासी झुंझुनूं, व्यापारी शिव शंकर महाजन निवासी मण्डावा एवं एनटीसी, मुम्बई के सैल्स मैनेजर अनिल कपुर निवासी दिल्ली को तीन साल की सश्रम जेल एवं प्रत्येक अभियुक्त पर तीस-तीस हजार रुपए के जुर्मानें की सजा से दण्डित किया है।
इस मामले में आरोपी रहे व्यापारी रामवतार अग्रवाल निवासी सीकर की टàायल के दौरान मौत होने पर कोर्ट ने पहले ही कार्यवाही ड्रॉप कर दी थी। सीबीआई ने 3० दिसम्बर, 1988 को एफआईआर दर्ज कर 2 जनवरी, 1991 में अदालत में चालान पेश किया था। सीबीआई का आरोप था कि राशन की दुकानों पर मिलने वाले कपड़े की सप्लाई के लिए शिवशंकर महाजन और रामवतार अग्रवाल ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 19 सितम्बर,1984 को हरिओम क्लॉथ हॉउस, मण्डावा के नाम से लाईसेंस के लिए जिला रसद अधिकारी के समक्ष आवेदन किया था। शिवशंकर महाजन ने फर्जी नाम हरिओम अग्रवाल के हस्ताक्षर किये थ्ो। फर्जी लाईसेंस प्राप्त कर अभियुक्तों ने मुम्बई से कपड़ा प्राप्त कर राशन की दुकानों पर सप्लाई करने के बजाए दिल्ली जाकर बेच दिया था।