बीजिंग। चीन ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के अरूणाचल प्रदेश के निर्धारित दौरे पर एतराज जताते हुए कहा कि तिब्बती धर्मगुरू को आमंत्रण देने से सीमांत क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को क्षति पहुंचेगी। भारत के साथ उसके संबंधों के लिए भी नुकसानदायक होगा। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, चीन और भारत के बीच विवादित क्षेत्रों में किसी गतिविधि में शामिल होने के लिए दलाई लामा को निमंत्रण देना सीमांत क्षेत्रों में शांति और स्थिरता तथा भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिए नुकसानदायक होगा। उनकी यह टिप्पणियां दलाई लामा के अरूणाचल दौरे को लेकर आई है। राज्य के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के आमंत्रण पर दलाई लामा अगले साल की शुरूआत में अरुणाचल का दौरा करने वाले हैं। माना जाता है कि उनके इस दौरे को केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। अरूणाचल प्रदेश को चीन दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है और यहां दलाई लामा समेत भारतीय नेताओं और विदेशी अधिकारियों के दौरों पर नियमित रूप से विरोध जताता है। अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा के हाल ही तवांग दौरे पर जाने पर चीन सरकार ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।