जयपुर। स्मार्टफोन अब जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। ऐसे में इसके उपयोग को लेकर प्रदेश के सरकारी महमकों में सुविधा के अनुसार कार्य भी किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग में तो छात्रों के पोषहार, सूचनाओं का आदान प्रदान सहित अन्य कार्य पूरी निपुणता के साथ निपटाए जा रहे हैं।

फिर भी प्रदेश का जल संसाधन विभाग उदयपुर इस मामले में अपना कुछ अलग ही रुख रखता है। विभाग का मानना है कि कर्मचारी दिनभर स्मार्टफोन में ही उलझे रहते हैं, जिससे समय पर कार्य पूरा नहीं हो पाता। कर्मचारियों के स्मार्टफोन में ही उलझे रहने से कार्यकुशलता भी प्रभावित होने लगी है। इसी के चलते जल संसाधन विभाग उदयपुर के अधिशाषी अभियंता हेमंत कुमार पनडिय़ा ने एक ऐसा फरमान जारी कर दिया। जिसको सुनकर हर कोई सकते में आ गया। अधिशाषी अभियंता ने कर्मचारियों के स्मार्टफोन में उलझे रहने के मामले सख्त कदम उठाते हुए कार्यालय समय में इसके उपयोग को लेकर पूर्णतया पाबंदी लगा दी है। इतना ही आदेश में यह भी कहा गया कि किसी कर्मचारी के पास ऑफिस समय में स्मार्टफोन पाया गया तो कर्मचारी को उस दिन के लिए गैर हाजिर ही माना जाएगा। साथ ही उसके खिलाफ आवश्यक अग्रिम कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।

अपने आदेशों में पनडिय़ा ने लिखा कि समस्त कार्यालय स्टॉफ के लिए 8 अगस्त से ऑफिस समय के दौरान एन्ड्रॉइड फोन, आई फोन और विंडोज फोन का उपयोग वर्जित होगा। जिस किसी भी कर्मचारी के पास उपरोक्त कोई भी फोन पाया जाता है तो उस कर्मचारी को उस दिन के लिए स्वेच्छा से अनुपस्थित माना जाएगा। साथ ही अग्रिम कार्यवाही होगी सो अलग। खण्डीय कार्यालय में आने वाले बाहर के लोगों को भी गेट पर ही स्मार्टफोन जमा कराना होगा। कार्यालय में यदि कोई व्यक्ति स्मार्टफोन का उपयोग करता पाया जाएगा तो उस पर 500 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। आदेश में हवाला दिया गया है कि कार्यालय में होने वाले कार्यों को सुचारू रुप से संपादित किए जाने को लेकर ये आदेश जारी किया गया है। जिससे ऑफिस समय के दौरान कर्मचारियों द्वारा मोबाइल में समय व्यर्थ करने से बचा जा सकेगा। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी स्मार्टफोन लेकर कार्यालय में आता है तो उसे गेट पर ही इसे जमा कराना होगा।

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