नई दिल्ली। पिथौरागढ़ के धारचूल में कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग से जुड़े मालपा में सोमवार तड़के करीब 2.45 बजे एक बड़ी प्राकृतिक आपदा सामने आई। जहां बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो गई। इसमें सेना के जवान भी शामिल है। बताया जा रहा है कि सेना के 5 जवानों सहित कुल 11 लोग लापता हैं।
हालांकि दो जवान और एक जेसीओ को मलबे से सकुशल निकाल लिया गया। मालपा नाले के पूरे उफान पर आने से तीन होटल बह गए। जिससे दर्जनों लोग घायल हो गए। अब तक 17 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। यहां पांगला से मालपा तक जगह-जगह भूस्खलन होने से भारी तबाही मच गई। पिथौरागढ़ मुख्यालय से 145 किलोमीटर दूर घटियाबगड़ में सेना का कैंप है। जहां काली नदी के किनारे स्थित एक कैंप में बादल फटने से बड़ी तबाही सामने आई। वहीं इससे महज 9 किलोमीटर दूर मालपा में मांगती नाला उफान पर आया जो अपने साथ तबाही की कहानी लिख गया। मांगती नाले पर सेना के तीन ट्रक सामान सहित बह गए तो चार अन्य वाहन भी चपेट में आ गए। गरबाधार में सेना सहित अन्य वाहन बहने की सूचना है। साथ ही खच्चर भी बह गए हैं। काली नदी का जलस्तर बढ़ गया है। अब तक 17 लोगों के शव निकाले गए हैं। छंकंडे में 50 मीटर कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग बह गया है। संचार सेवा विहीन क्षेत्र होने के कारण अभी सही जानकारी सामने नहीं आ पा रही है।
-यात्री दल सुरक्षित
पिथौरागढ़ जिले के मालपा में प्राकृतिक आपदा के बाद कैलाश मानसरोवर व आदि कैलाश यात्रा को गए दल सुरक्षित हैं। जो दल अभी जहां पर हैं, उन्हें वहीं रोक दिया गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा का 16वें दल को सिरखा पड़ाव में, वापस लौट रहे 12वें दल को धारचूला में, 13 वें, 14 व 15 वें दल को गूंजी व चीन में तथा आदि कैलास के दल को बूंदी में रोका गया है।