जयपुर। उस मासूम का कसूर महज इतना सा था कि उसने एक कन्या के तौर पर जन्म लिया। उसकी कलयुगी मां ने 9 माह तक अपने गर्भ में सहेजकर रखा। इस दुनिया में आने से पहले वो अपनी मां के बेहद करीब थी। लेकिन जब जन्म हुआ तो एक कन्या के तौर पर जानकर मां ने अपने कलेजे को टुकड़े को कुछ ही पलों में दूर कर दिया और सड़क किनारे एक पोटली में बांध छोड़ दिया। फिर भी विधाता को कुछ ओर ही मंजूर था कि उस पर लोगों की नजरे पड़ गई और उसे समय रहते श्वानों की चपेट में आने से बचा लिया।
जी हां कुछ ऐसा ही वाकिया गुलाबी नगरी जयपुर को देश की राजधानी नई दिल्ली से जोडऩे वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर देखने को मिला। जहां राजमार्ग से लगते कोटपूतली उपखंड में सड़क किनारे लोगों को एक पोटली में बंधी नवजात कन्या की रोने आवाजें सुनाई दी। लोग दौड़कर गए तो हर किसी आंखों में उसकी दशा को देखकर आंसू बह निकले।
-पोटली में बंधी लावारिश अवस्था में मिली
पुलिस ने बताया कि सूचना मिली थी कि कोटपूतली में राजमार्ग पर सड़क किनारे एक नवजात कन्या पोटली में बंधी हुई पड़ी है। मौके पर पहुंचे तो वहां एक नवजात कन्या पोटली में बंधी हुई रो रही थी। इस दौरान जिसने भी उसे देखा उसकी मासूमियत को देख आंखें डबडबा आई। पुलिस ने बच्ची को बीडीएम अस्पताल में भर्ती करा दिया। जहां उसकी हालत स्वस्थ है। पुलिस ने बताया कि उसका जन्म चार दिन पहले ही हुआ है। पुलिस उसके परिजनों की तलाश में जुटी हुई है।
-आ जाती श्वानों की चपेट में
पुलिस ने बताया कि सड़क किनारे पोटली में बंधी नवजात कन्या को राहगीरों ने समय रहते बचा लिया। जिस दरम्यान लोगों को उसके रोने की आवाज सुनाई दी। उस दौरान कुछ श्वान उसके इर्द-गिर्द घुम रहे थे। जैसे ही लोग मौके पर पहुंचे तो उन्होंने श्वानों को भगाया। अन्यथा नजवात कन्या को श्वान नौंच लेते।
-एक पखवाड़े में दूसरी घटना
इधर कोटपूतली में सड़क किनारे नवजात कन्या के मिलने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले भी एक अगस्त को किसी ने नवजात कन्या को कचरे में फैंक दिया था। जिससे समय रहते बचा लिया गया। पुलिस उसके माता-पिता का भी अभी तक पता नहीं लगा पाई है। जबकि एक पखवाड़े ही फिर दूसरी घटना सामने आ गई है। जिससे कस्बेवासियों को झंकझौर कर रख दिया है।